अंकारा: सीरिया की सीमा पर तैनात तुर्की के सीमा रक्षकों ने शरण लेने की कोशिश कर रहे सीरियाई नागरिकों पर गोलियां बरसाईं। तुर्की की सेना पर यह बड़ा आरोप मध्य पूर्व व उत्तर अफ्रीका में मानवाधिकार मामलों की निगरानी करने वाले समूह ने लगाया है। इस समूह ने कहा कि तुर्की के सीमा रक्षकों ने हिंसा से बचने के लिए तुर्की में शरण लेने का प्रयास कर रहे सीरियाई नागरिकों पर गोलीबारी की है। तुर्की की सीमा में घुसने में सफल शरणार्थियों ने भी इस बात की पुष्टि की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ह्यूमन राइट्स वॉच के मध्य पूर्व एवं उत्तर अफ्रीका डिविजन के उपनिदेशक लामा फकीह ने बताया, ‘पश्चिमोत्तर सीरिया के इदलिब प्रांत में हो रही हिंसा से भाग रहे सीरियाई शरणार्थियों को गोलियों और गालियों से वापस लौटने पर मजबूर किया जा रहा है।’ संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक लगभग 2,47,000 सीरियाई सीमा क्षेत्र से विस्थापित हुए थे। फकीह ने कहा, ‘इदलिब और आफरीन में संघर्षो के कारण हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की में घुसने में कामयाब रहे शरणार्थियों ने कहा कि सीमा पर तैनात बॉर्डर पुलिस की फायरिंग में कई लोग मारे गए हैं। हालांकि तुर्की के अधिकारियों ने इन दावों का खंडन किया है। आपको बता दें कि तुर्की दुनिया में किसी भी अन्य देश की तुलना में लगभग 35 लाख से अधिक सीरियाई शरणार्थियों को शरण दिए हुए है, लेकिन निगरानी समूह का तर्क है, ‘तुर्की द्वारा बड़ी संख्या में सीरियाई लोगों को शरण देने की उदारता का मतलब यह नहीं है कि वह अपनी सीमा पर सुरक्षा मांगने वालों की सहायता करने की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाए।’
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