इस्लमाबाद: पिछले कुछ महीनों में कई मौकों पर तुर्की का भारत विरोधी रवैया देखने को मिला है। राष्ट्रपति रेसेप तैय्पप एर्दोगन के नेतृत्व में यह देश एक बार फिर से मुस्लिम दुनिया का सर्वेसर्वा बनने का सपना देख रहा है, और उसके इस सपने को पाकिस्तान जैसे मुल्क हवा दे रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की अब पाकिस्तान की सैन्य ताकत बढ़ाने में उसकी मदद कर रहा है। इसके लिए तुर्की की सरकारी कंपनी पाकिस्तान की नेवी के लिए कराची में MILGEM-Class की कॉर्वेट का निर्माण कर रही है। यह युद्धपोत 2023 में पाकिस्तानी नेवी में शामिल किया जा सकता है।
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काफी ताकतवर है तुर्की का यह कॉर्वेट
कॉर्वेट दरअसल एक छोटा जंगी जहाज होता है जो कई तरह के कामों में इस्तेमाल होता है। तुर्की का यह मध्यम श्रेणी का MILGEM-Class कॉर्वेट एक अच्छा युद्धपोत माना जाता है। तुर्की ने इसका निर्माण शुरू में अपनी नौसेना के लिए किया था। यह कॉर्वेट टोही, सर्विलांस, अर्ली वॉर्निंग के साथ-साथ पनडुब्बियों के खिलाफ भी लड़ाई में कारगर साबित हो सकता है। इसके अलावा इस युद्धपोत पर सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी तैनात होती हैं, जो दुश्मन को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के लिए तुर्की 4 जिन्ना-क्लास के फ्रिगेट भी बना रहा है।
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नेवी के हथियार बढ़ाने में लगा पाकिस्तान
भारतीय नेवी की ताकत का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान भी इन दिनों अपनी ताकत लगातार बढ़ाता जा रहा है। पाकिस्तान ने हाल ही में 4 चीनी फ्रिगेट्स और तुर्की में बने कई मध्यम श्रेणी के जंगी जहाजों को अपनी नौसेना में शामिल करने की बात कही है। इसके साथ ही वह चीन के साथ मिलकर 4 पनडुब्बियों का निर्माण भी कर रहा है, और साथ ही ड्रैगन से 8 पनडुब्बियां खरीद भी रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान के पास फ्रांस की बनी अगोस्टा-19 बी टाइप पनडुब्बियां भी हैं जो परमाणु हमला करने में सक्षम हैं।
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