तुर्की की झील के अंदर मिला 3,000 साल पुराना किला, जानें क्यों है खास
तुर्की की सबसे बड़ी और मध्य पूर्व की दूसरी सबसे बड़ी झील की गहराई में मिला यह प्राचीन किला काफी हद तक अच्छी हालत में है...
अंकारा: तुर्की के सबसे बड़ी झील वान के अंदर से एक प्राचीन किले की खोज हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वान यूनिवर्सिटी की एक टीम ने गोताखोरों की मदद से इस प्राचीन किले को खोज निकाला। यूनिवर्सिटी की टीम ने गुरुवार को इस बेहद ही महत्वपूर्ण खोज की घोषणा की। तुर्की की सबसे बड़ी और मध्य पूर्व की दूसरी सबसे बड़ी झील की गहराई में मिला यह प्राचीन किला काफी हद तक अच्छी हालत में है और लगभग एक किलोमीटर तक फैला हुआ है।
टीम के प्रमुख तहसीन सीलान ने कहा, ‘स्थानीय लोगों के बीच यह बात कही जाती रही है कि पानी के नीचे कुछ हो सकता है लेकिन अधिकांश पुरातत्वविदों और संग्रहालय के अधिकारियों ने कहा था कि हमें वहां कुछ नहीं मिलेगा। हम वान झील में 10 साल से शोध कर रहे हैं और यह खोज हमारे लिए भी अप्रत्याशित है।’ किले के दीवारों की ऊंचाई 3 से 4 मीटर के बराबर है। यह महल झील के क्षारीय जल की वजह से आज भी अच्छी स्थिति में है। किले की शेष संरचनाएं पत्थरों से बनी हैं। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि किले की दीवारें झील के तलछट में कितनी गहराई तक गईं हैं। इसके अतिरिक्त आगे के पुरातात्विक अनुसंधान से इस किले के निर्माताओं के बारे में अधिक जानने में मदद मिलेगी।
शोधकर्ताओं ने पहली बार घोषणा करते हुए कहा कि उनका मानना है कि यह लुप्त हो चुकी उरारतु सभ्यता के लौह युग का अवशेष है, जिसे वान साम्राज्य भी कहा जाता है, जो नौवीं से लेकर छठी शताब्दी ईसा पूर्व तक आधुनिक ईरान के पास स्थित क्षेत्र में शुरू हुआ था। पिछले साल टीम ने झील के अंदर 4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र तक फैले स्टैलगमाइट्स (पत्थर की चट्टानें) की भी खोज की थी। इससे पहले इस साल शोधार्थियों ने झील में एक रूसी जहाज की खोज की घोषणा की थी जो 1948 में डूब गया था।