इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले की आठ अक्टूबर से प्रतिदिन सुनवाई करने का फैसला किया है। मीडिया में आई एक खबर में यह कहा गया है। मुशर्रफ के खिलाफ यह मामला दिसंबर 2013 से लंबित है। इसलिए, अदालत ने इस मामले को निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिये यह फैसला किया है। देशद्रोह के लिये दोषी ठहराये जाने पर मुशर्रफ को फांसी या उम्र कैद की सजा हो सकती है।
पूर्ववर्ती पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार ने पूर्व थल सेना प्रमुख के खिलाफ 2013 में देशद्रोह का मामला दर्ज कराया था। नवंबर 2007 में संविधान के दायरे से बाहर जा कर आपातकाल लगाने को लेकर उनके खिलाफ यह कदम उठाया गया था। आपातकाल के लागू होने पर सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायाधीशों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया था और 100 से अधिक न्यायाधीशों को बर्खास्त कर दिया गया था।
डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक न्यायाधीश नजर अकबर और न्यायाधीश शाहिद करीम की सदस्यता वाली विशेष अदालत ने मंगलवार को देशद्रोह मामले की सुनवाई शुरू की। बचाव पक्ष के वकील रजा बशीर ने मामले में दलील रखने के लिए मुशर्रफ (75) से मिलने की इजाजत मांगते हुए एक अर्जी दी है। बशीर को विशेष अदालत के निर्देश पर कानून मंत्रालय ने बचाव पक्ष का वकील नियुक्त किया है।
हालांकि, अदालत ने आवेदन दायर करने को लेकर नाराजगी जताई है और कहा कि आरोपी को बयान दर्ज कराने के लिए पहले ही समन जारी किया जा चुका है। अदालत ने अधिवक्ता बशीर को निर्देश दिया कि वह दलीलों की तैयारी करें क्योंकि देशद्रोह मामले की सुनवाई अगली तारीख से रोजाना आधार पर होगी। बहरहाल, अदालत ने सुनवाई आठ अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।
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