पेइचिंग: हाल ही में खबर आई थी कि चीन अपने देश के मुस्लिम समुदाय को शिक्षित करने के लिए कैंप खोल रहा है। उसी कैंप में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी आपबीती बताई। व्यक्ति की आरबीती को पढ़कर इस बात का एहसास होता है कि किस प्रकार चीन में मुस्लिम समुदाय के लोगों की स्थिति दयनीय है। व्यक्ति ने बताया कि उनका सिर्फ जुर्म यह है कि वह मुस्लिम हैं। उन्हें इस आधार पर गिरफ्तार किया गया और तीन दिन के कड़े सवाल-जवाब के बाद उन्हें चीन के शिनजियांग में रीएजुकेशन कैंप में भेज दिया गया। (ईयू चेयरमैन ने कहा, 'ट्रंप जैसे दोस्त हों तो दुश्मन की क्या जरूरत' )
एक इंटरव्यू में समरकंद नामक व्यक्ति ने बताया कि इस कैंप में उन्हें बेइज्जती का सामना करना पड़ा यहां तक की उनका ब्रेनवॉश करने की भी कोशिश की गई। कैंप में उन्हें घंटों तक कम्युनिस्ट पार्टी का प्रॉपेगैंडा पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता था। और तो और रोज शी जिनपिंग की लंबी उम्र की कामना के लिए नारे भी लगवाए जाते थे। समरकंद ने बताया कि, जो भी इन नियमों का पालन नहीं करता था, उन्हें 12 घंटों तक बेड़ियों बांधकर रखा जाता था।
इसके साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों को पानी में मुंह डालकर टॉर्चर किया जाता था। ऊमर बेकाली नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि, न कैंपों में घटिया गुणवत्ता वाला खाना दिया जाता है, मांस लगभग न के बराबर होता है और फूड पॉइजनिंग बेहद आम हो गया है। यहां रहने वालों को कई बार सजा के तौर पर पोर्क खाने तक को मजबूर किया जाता है जो इस्लाम में हराम है और धार्मिक चरमपंथ को बढ़ावा देने के आरोपियों को शराब तक पिलाई जाती है।
Latest World News