काबुल: तालिबान की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह कल यानी 9/11 की 20वीं बरसी पर हो सकता है। 20 साल पहले कल ही के दिन अमेरिका के ट्विन टॉवर पर हमला हुआ था जिसे दुनिया 9/11 के नाम से जानती है। ये हमला आतंकी संगठन अल कायदा ने कराया था जिसका सरगना ओसामा बिन लादेन था। उस समय अफगानिस्तान में तालिबानियों की सरकार थी। तालिबानियों ने अफगानिस्तान में अल कायदा को संरक्षण दिया था और अब जब 20 साल के बाद जब अफगानिस्तान में दोबारा तालिबानियों की सरकार बनने जा रही है तो उन्होंने शपथग्रहण के लिए उसी दिन को चुना जिस दिन अमेरिका के ट्विन टॉवर पर हमला हुआ था।
चीन-पाकिस्तान को भेजा शपथ ग्रहण का न्यौता
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने सरकार गठन के दौरान कुछ खास देशों को न्यौता भेजने का भी ऐलान किया है। ये देश हैं तुर्की, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान और क़तर। इनमें से एक क़तर को छोड़ दें, तो बाकी के तमाम देशों के साथ अमेरिका के रिश्ते ख़राब हैं अब ऐसे में अमेरिकी विरोधी देशों को ही न्यौता देकर एक तरह से तालिबान ने ये साफ़ कर दिया है कि उसकी सरकार में अमेरिका से ज़्यादा चीन, रूस और पाकिस्तान की ही चलेगी।
तालिबान की 'टेरर' कैबिनेट-
मुल्ला हसन अखुंद- प्रधानमंत्री
मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर- डिप्टी पीएम
मौलवी हन्नाफी- डिप्टी पीएम
सिराजुद्दीन हक़्क़ानी- गृह मंत्री
मुल्ला याक़ूब- रक्षा मंत्री
आमिर खान मुत्तकी- विदेश मंत्री
ख़ैरुल्लाह ख़ैरख़्वाह- सूचना मंत्री
क़ारी दीन हनीफ- वित्त मंत्री
मुल्ला अब्दुल हकीम- न्याय मंत्री
नजीबुल्लाह हक्कानी- संचार मंत्री
शेख नूरुल्लाह- शिक्षा मंत्री
मुहम्मद ईसा अखुन्द- पेट्रोलियम मंत्री
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