तालिबान ने तीन और सूबों की राजधानियों और सेना मुख्यालय पर कब्जा किया, सेना प्रमुख बर्खास्त
तालिबान के आतंकियों ने अफगानिस्तान के 65 फीसदी इलाके पर कब्जा कर लिया है। तालिबान के बढ़ते हमलों को रोकने में नाकाम रहे अफगानिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल वली मोहम्मद अहमदजई को अब्दुल गनी सरकार ने बर्खास्त कर दिया है।
काबुल: तालिबान के आतंकियों ने अफगानिस्तान के 65 फीसदी इलाके पर कब्जा कर लिया है। तालिबान के बढ़ते हमलों को रोकने में नाकाम रहे अफगानिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल वली मोहम्मद अहमदजई को अब्दुल गनी सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। उनकी जगह पर जनरल हैबतुल्ला अलीजई को अगला सेना प्रमुख नियुक्त किया गया है। वहीं तालिबान ने तीन और सूबों की राजधानियों और सेना के स्थानीय मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है। इसके साथ ही देश के पूर्वोत्तर हिस्से पर चरमपंथी संगठन का पूर्ण कब्जा हो गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी। इसके साथ ही अब तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान का दो तिहाई हिस्सा चला गया है। तालिबान का कब्जा दो दशक की लड़ाई के बाद अमेरिकी और नाटो सैनिकों की अंतिम वापसी के बीच हुआ है।
पूर्वोत्तर में बदकशान और बगलान सूबे की राजधानी से लेकर पश्चिम में फराह प्रांत तक तालिबान के कब्जे में चला गया है जिससे देश की संघीय सरकार पर अपनी स्थिति मजबूत करने का दबाव बढ़ गया है क्योंकि कुंदुज प्रांत का अहम ठिकाना भी उसकी हाथ से निकल गया है। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी तालिबान के कब्जे वाले इलाके से घिरे बाल्ख सूबा गए हैं ताकि तालिबान को पीछे धकेलने के लिए स्थानीय सरदारों से मदद मांगी जा सके। तालिबान की बढ़त से फिलहाल काबुल पर सीधे तौर पर खतरा नहीं है लेकिन उसकी गति से सवाल पैदा हो रहे हैं कि अफगान सरकार कब तक अपने दूर दराज के इलाकों पर नियंत्रण रख सकेगी। कई मोर्चों पर सरकार के विशेष कार्रवाई बलों के साथ लड़ाई चल रही है जबकि नियमित सैनिकों के लड़ाई के मैदान से भागने की खबरे भी आ रही हैं।
हिंसा की वजह से हजारों की संख्या में लोग शरण के लिए राजधानी पहुंच रहे हैं। इस महीने के अंत तक अपने सैनिकों की वापसी पूरा करने वाला अमेरिका कुछ हवाई हमले कर रहा है लेकिन खुद को जमीनी लड़ाई में शामिल करने से बच रहा है। अफगान सरकार और सेना ने प्रतिक्रिया मांगे जाने के बाद इन हार पर टिप्पणी नहीं की है। पश्चिमी सूबे फराह के सांसद हुमायूं शहीदजादा ने बुधवार को एसोसिएटेड प्रेस के समक्ष पुष्टि की कि फराह नाम से ही जानी जाने वाली सूबे की राजधानी तालिबान के कब्जे में चली गई है। हाल में पड़ोसी सूबे निमरोज पर तालिबान ने एक सप्ताह के अभियान पर कब्जा कर लिया था।
फराह में तालिबान लड़ाके अफगान सुरक्षा बल के एक सैनिक का शव सड़क पर घसीटते नजर आए और इस दौरान वे ईश्वर महान है के नारे लगा रहे थे। तालिबान लड़ाकों के पास एम-16 राइफलें थी और वे राजधानी की सड़कों पर हमवीस फोर्ड पिकअप ट्रक चल रहा रहे थे जिसे अमेरिकियों ने दान किया था। एक तालिबानी लड़ाके ने पहचान जाहिर नहीं करते हुए कहा, ‘‘शहर में स्थिति नियंत्रण में हैं। हमारे मुजाहिदीन शहर में गश्त कर रहे हैं।’’ वहीं फराह में दिनभर गोलियों की चलने की आवाज आती रही।
बदकशान के सांसद हुजातुल्ला खेरादमंद ने बताया कि तालिबान ने उनके सूबे की राजधानी फैजाबाद पर कब्जा कर लिया है। एक अफगान अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि बगलान की राजधानी पोली खुमरी भी तालिबानियों के कब्जे में चली गई है और भारी नुकसान हुआ है। इससे पहले तालिबान ने एक सप्ताह के भीतर कुंदुज प्रांत की राजधानी और अहम शहरों में से एक कुंदुज सहित छह सूबों की राजधानियों पर कब्जा कर लिया था।
कुंदुज के सांसद शाह खान शेरजाद और सूबाई परिषद के सदस्य गुलाम रबानी रबानी ने बताया कि बुधवार को कुंदुज हवाई अड्डे पर स्थित अफगान नेशनल आर्मी के 217वीं कमान का मुख्यालय भी तालिबान के कब्जे में चला गया। तालिबान ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें सैनिकों को आत्मसमर्पण करते हुए दिखाया गया है।
अफगान नेशनल आर्मी के सात कमान में कुंदुज कमान एक था और उसके तालिबान के कब्जे में जाने को बड़ी क्षति माना जा रहा है। हालांकि, अबतक स्पष्ट नहीं है कि सेना ने अपने पीछे कितने उपकरण और साजो सामान छोड़े हैं। तालिबान की बढ़त के बाद इलाका छोड़ आए आम नागरिकों ने बताया कि चरमपंथी समूह ने महिलाओं पर पांबदी लगाई है और स्कूलों को जला दिया है। तालिबान के कब्जे वाले इलाके में बदले की कार्रवाई के तहत हत्याओं के मामले भी सामने आए हैं।
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