पाकिस्तान: इमरान खान ने CAA और मोदी सरकार का जिक्र कर कहा- पाकिस्तान के लिए खतरा बढ़ रहा है
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को आशंका जताई है कि भारत घरेलू परिस्थितियों से ध्यान भटकाने के लिए उसके खिलाफ ‘छद्म कार्रवाई’ कर सकता है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को आशंका जताई है कि भारत घरेलू परिस्थितियों से ध्यान भटकाने के लिए उसके खिलाफ ‘छद्म कार्रवाई’ कर सकता है। खान ने साथ ही चेतावनी दी कि पाकिस्तान ऐसी किसी भी कार्रवाई का मुहंतोड़ जवाब देगा। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कई ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार में भारत ‘फासीवादी विचारधारा’ के साथ ‘हिंदू राष्ट्र’ की ओर से बढ़ रहा है। उन्होंने भारत में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में कहा, ‘वे सभी भारतीय जो बहुलवादी भारत चाहते हैं, वे CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और यह अब जन आंदोलन बनता जा रहा है।’
खान ने कहा कि भारत में जिस तरह से विरोध प्रदर्शन बढ़ रहा है, उससे ‘पाकिस्तान पर खतरा भी बढ़ रहा है और भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की नियंत्रण रेखा पर हालात को लेकर की गई टिप्पणी से छद्म कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान की चिंता भी बढ़ गई है।’ गौरतलब है कि जनरल रावत ने बुधवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर से लगते नियंत्रण रेखा पर कभी भी तनाव बढ़ सकता है और सेना को इसके लिए तैयार है। उनकी टिप्पणी अगस्त में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निष्क्रिय करने के बाद पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर लगातार किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं की पृष्ठभूमि में आई है।
खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चेतावनी दी कि अगर नई दिल्ली उसके खिलाफ कोई कार्रवाई करता है, तो पाकिस्तान के पास भारत को जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं इस बारे में कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चेताता रहा हूं और फिर दोहराता हूं कि अगर भारत अपने घरेलू अव्यवस्था से ध्यान भटकाने और हिंदू राष्ट्रवाद के लिए युद्ध आक्रमकता को बढ़ावा देता है तो पाकिस्तान के पास माकूल जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’ इससे पहले पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने जनरल रावत की टिप्पणी को घरेलू मामले से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया था।
उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने के बाद से ही भारत और पाकिस्तान में तनाव है। प्रधानमंत्री खान ने संशोधित नागरिकता कानून की आलोचना करते हुए कहा था कि यह ‘मानवाधिकार के सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों और पाकिस्तान के साथ हुए द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन’ करता है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के विस्तारवादी रणनीति का हिस्सा है। भारत ने खान की टिप्पणी की भर्त्सना करते हुए कहा कि इस तरह की ‘अवांछित’ आलोचना से पाकिस्तान अपने यहां धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताने के मामले से पल्ला नहीं झाड़ सकता।