इस्लामाबाद: पाकिस्तान मनी लांड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक के ठोस प्रबंध करने के मामले में अपनी कमियों के कारण एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) की ‘उच्च निगरानी व्यवस्था’ में बना हुआ है। मीडिया में शनिवार को आयी खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान को इस दिशा में अपनी कार्रवाई के बारे में समूह के सामने बराबर रिपोर्ट दाखिल करते रहना होगा।
एपीजी मनी लांड्रिंग और आतंकवाद के लिए धन के प्रवाह पर रोक को एक बहुपक्षीय समझौते के तहत गठित वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफटीएएफ) का एशिया प्रशांत क्षेत्रीय अध्याय है। एफएटीएफ का कार्यालय पेरिस में है। एपीजी ने अपनी दूसरी निगरानी रिपोर्ट में पारस्परिक मूल्यांकन के आधार पर पाकिस्तान को एक कसौटी पर पहले नीचे के स्तर पर रखा है।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को पांच बिंदुओं पर नियम का ‘अनुपालन करने वाला’ के बिंदुओं पर ‘बड़ी सीमा तक अनुपालन करने वाला’ और एक अन्य बिंदु पर ‘आशिंक रूप से अनुपालन करने वाला ’ बताया गया है। पाकिस्तान के अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान एफएटीएफ की 40 शर्तों में से 7 शर्तों को पूरी तरह तथा 24 को बड़ी सीमा तक पूरा करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, सात अन्य शर्तों में देश की वर्तमान स्थिति ‘आशिंक रूप से अनुपालन’ करने वाले की और दो शर्तों का पालन न करने वाली की है। अखबर ने कहा है कि एपीजी समूह की रिपोर्ट में मूल्यांकन की तारीख एक अक्टूबर, 2020 है।
इसमें एपीजी ने कहा है कि पाकिस्तान उच्च निगरानी की व्यवस्था में बना रहेगा तथा मनी लॉड्रिंग तथा आतंकवाद के लिए वित्तपोषण के विरुद्ध रोक के नियमों के अनुपालन के बारे में उच्च निगरानी व्यवस्था के अंतर्गत जल्दी-जल्दी अपनी रिपोर्ट पेश करता रहेगा।
इन रिपोर्ट्स की बाद में समीक्षा की जाती है। पाकिस्तान ने अपनी तीसरी प्रगति रिपोर्ट फरवरी, 2021 में प्रस्तुत की थी। उसकी समीक्षा अभी की जानी है।
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