तहरीक-ए-तालिबान ने पाकिस्तानी मीडिया को दी अंजाम भुगतने की चेतावनी
पिछले महीने जब काबुल जेल पर तालिबान ने कब्जा किया था, उसने तहरीक-ए-तालिबान के 2300 आतंकवादियों को काबुल जेल से रिहा कर दिया था, जो एक बार फिर से पाकिस्तान में घुस रहे हैं।
पेशावर: पाकिस्तान तालिबान, जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान कहा जाता है, उसने पाकिस्तानी मीडिया को 'आतंकवादी और चरमपंथी' बताने के लिए चेतावनी जारी की है। टीटीपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा किये जाने पर उन्हें शत्रु माना जाएगा। टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा कि उनका संगठन मीडिया की उन खबरों पर नजर रख रहा है, जिसमें टीटीपी के लिए आतंकवादी और चरमपंथी जैसे विशेषणों का इस्तेमाल किया जाता है।
डॉन समाचारपत्र ने टीटीपी के ऑनलाइन बयान के हवाले से कहा, ‘‘टीटीपी के लिए इस तरह के विशेषणों का इस्तेमाल करना मीडिया और पत्रकारों की पक्षपातपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।’’ खुरासानी ने कहा, ‘‘टीटीपी के लिए इस तरह के विशेषण के इस्तेमाल का मतलब है कि पेशेवर मीडिया अपने कर्तव्य के प्रति बेईमान है और वे अपने लिए दुश्मन पैदा करेंगे।’’
खुरासानी ने कहा कि इसलिए मीडिया को उन्हें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के नाम से संबोधित करना चाहिए। पाकिस्तानी तालिबान का गठन 2007 में हुआ था और सरकार ने अगस्त 2008 में नागरिकों पर लक्षित हमलों के बाद इसे एक प्रतिबंधित संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया था।
टीटीपी का पहला प्रमुख बैतुल्ला महसूद 2009 में अमेरिका द्वारा ड्रोन हमले में मारा गया था। पाकिस्तान सरकार ने 2014 की अपनी राष्ट्रीय कार्य योजना में टीटीपी के सहयोगी समूहों पर प्रतिबंध लगा दिया था और मीडिया द्वारा तथाकथित आतंकवादियों के महिमामंडन किये जाने पर रोक लगा दी थी। आतंकवाद के खिलाफ सरकार की लड़ाई की चपेट में आकर अभी तक कई पाकिस्तानी पत्रकार मारे गए हैं।
बता दें कि, पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान एक प्रतिबंधित संगठन है और पाकिस्तान इसे बैड तालिबान कहता है। वहीं अफगानिस्तान तालिबान को पाकिस्तान का पूरा समर्थन हासिल है और पाकिस्तान उसे गुड तालिबान कहता है लेकिन, गौर से देखें तो दोनों ही एक आतंकवादी संगठन है, जिसका काम लोगों को मौत के घाट उतारना है। पाकिस्तान के पेशावर में टीटीपी के आतंकियों ने ही एक सैनिक स्कूल पर हमला कर करीब डेढ़ सौ बच्चों को बेदर्दी से मौत के घाट उतार दिया था।
पिछले महीने जब काबुल जेल पर तालिबान ने कब्जा किया था, उसने तहरीक-ए-तालिबान के 2300 आतंकवादियों को काबुल जेल से रिहा कर दिया था, जो एक बार फिर से पाकिस्तान में घुस रहे हैं और पाकिस्तान सरकार ने ऐसी आशंका जताई है कि आने वाले वक्त में पकिस्तान में कई आतंकवादी हमले हो सकते हैं। वहीं, पाकिस्तानी मीडिया टीटीपी को एक आतंकवादी संगठन कहकर संबोधित करती है, जिसकी वजह से टीटीपी भड़क गया है और उसने पाकिस्तान मीडिया को कड़ी चेतावनी दी है।
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