बांग्लादेश की मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन आए दिन अपने विवादास्पद बयानों के चलते सुर्खियों में रहती हैं। हाल ही में उन्होंने फिर कुछ ऐसा किया है कि जिसकी वजह से पूरी दुनिया में उनकी चर्चाएं हो रही हैं। दरअसल तस्लीमा नसरीन ने एक बड़े फैसले के तहत अपने शरीर को मरने के बाद दफनाने की बजाय एम्स में मेडिकल रिसर्च के लिए दान देने का फैसला किया है। तस्लीमा ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। अपने इस ट्वीट में तस्लीमा ने एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ एनॉटमी की डॉनर स्लिप की भी तस्वीर को साझा किया है।
बंग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन फेमिनिज्म और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के मुद्दे पर बेहद एक्टिव रहीं हैं। इसकी वजह से वह कट्टरपंथियों के निशाने पर भी रहती हैं। साल 1962 में जन्मी तस्लीमा पेशे से एक फिजीशियन हैं और उन्हें स्वीडन की नागरिकता भी प्राप्त है।
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