काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए हमले में 80 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इस हमले में 13 अमेरिकी जवानों की भी जान चली गई है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सवालों के घेरे में हैं। जो बाइडन की अफगानिस्तान से अमेरिकि सेना को सुनियोजित तरीके से ना निकाल पाने को लेकर हर तरफ आलोचनाएं हो रही हैं जिसका खामियाजा पूरा विश्व उठा सकता है। दरअसल अमेरिका के कई हाई टेक हथियार, प्लेन, चॉपर और हेलीकॉप्टर तालिबान के हाथ लग गए हैं, जिसके बारे में अमेरिका के पूर्व नेवी रिजरिवस्ट जिम बैंक्स ने बताया है।
तालिबान के हाथों हथियारों का कितना बड़ा जखीरा हाथ लगा है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि भारत के पास अमेरिका का हाई टेक हैलीकॉप्टर ब्लैकहॉक एक भी नहीं है लेकिन तालिबान के पास यही ब्लैकहॉक 46 से ज्यादा होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। हवाई पट्टी पर ब्लैकहॉक उड़ाने की कोशिश करते दिखे तालिबानी लड़ाकों का वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वो ब्लैकहॉक उड़ाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर का उपयोग हमेशा से युद्ध के लिए होता रहा है, यो दुर्गम इलाकों में सेना के जवानों को ले कर जा सकते हैं। ये मिसाइलों और हथियारों को बड़ी संख्या में ले जा सकते हैं। अमेरिका के पास 1400 ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर हैं। कुल 14 देशों के पास ही ब्लैकहॉक हैलीकॉप्टर है।
तालिबान के हाथ छह लाख हथियार, 75 हजार बख्तरबंद गाड़िया और 200 से ज्यादा एयरोप्लेन और चौपड़ लगे हैं जिसकी कीमत लगभग 85 अरब है। दरअसल 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान के 34 में से 33 प्रांतों पर कब्जा कर लिया। इस कब्जे के साथ ही उन सभी हथियारों, लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों को उसने कैप्चर कर लिया है जो अफगानिस्तान की सरकार को अमेरिका से मिले थे।
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