काबुल: दुनिया पर महामारी बनकर टूटे कोरोना वायरस ने दहशतगर्दो को भी दहशत में डाल दिया है। अफगानिस्तान के आतंकी संगठन तालिबान ने अपने प्रभाव वाले इलाकों में इस बीमारी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया हुआ है और इनके संपर्क में आने वाले लोगों का कहना है कि तालिबान सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लोगों से मस्जिद आने के बजाए घरों पर ही नमाज पढ़ने को कह रहे हैं। 'डॉन' की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया कि अफगानिस्तान के जोजजान प्रांत के एक गांव से ताल्लुक रखने वाले 55 वर्षीय खैरुल्ला को 27 मार्च को जुमे की नमाज के बाद होने वाले आयोजन के लिए बुलाया गया और उन्होंने वहां जो देखा, उसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी।
खैरुल्ला ने बताया, "वहां कोरोना से बचाव के लिए पहने जाने वाले विशेष कपड़े पहने तालिबान मौजूद थे। उनके हाथों में हमेशा की तरह क्लाशिनिकोव राइफलें थीं। तालिबान ने वहां पहुंचे सभी लोगों का कोरोना जागरूकता वर्कशाप में स्वागत किया।"
उन्होंने बताया कि तालिबान एक हफ्ते से यह मुहिम चला रहे हैं। वे लोगों के बीच मास्क बांट रहे हैं और साबुन से हाथ धोने की बार-बार अपील कर रहे हैं। उन्होंने विवाह समेत तमाम समारोहों पर रोक लगा दी है और वे लोगों से मस्जिदों में आने के बजाए अभी घरों पर ही नमाज पढ़ने को कह रहे हैं।
अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर तालिबान की मुहिम की तस्वीरें देखी हैं। उन्होंने कहा कि तालिबान से मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना के खिलाफ किसी भी मुहिम का स्वागत करता है।
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