ताइपे: हालिया घटनाक्रमों ने चीन और ताइवान के बीच की टेंशन बढ़ा दी है। ऐसे में चीन से बढ़ते सैन्य खतरे के बीच उसके किसी ‘आक्रमण’ का मुकाबला करने के लिए ताइवान जून महीने में अपना वार्षिक अभ्यास करने की तैयारी कर रहा है। चीन से बढ़ रहे खतरों के बचाव में इस अभ्यास के बारे में ताइवानी अधिकारियों ने जानकारी दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की सैन्य शक्ति बढ़ रही है और पिछले सप्ताह उसने ताइवान जलडमरू मध्य में 5 दिवसीय नौसैन्य अभ्यास का आयोजन किया था।
आपको बता दें कि ताइवान जलडमरू मध्य संर्कीण जलमार्ग है जो चीन की जमीन को ताइवान से अलग करता है। इससे पहले भी चीन ने इस क्षेत्र में नौसेना अभ्यास अयोजित किया था। चीनी अधिकारियों ने बताया कि उनका अभ्यास बीजिंग की क्षेत्रीय संप्रभुता की सुरक्षा के लिए किया गया था जो राष्ट्रपति शी जिंगपिंग की मुख्य प्राथमिकता है। हालांकि ताइवान एक स्व शासित लोकतंत्र है और इसने औपचारिक रूप से कभी भी मुख्य भूमि से खुद को स्वतंत्र घोषित नहीं किया है। वहीं, बीजिंग अभी उसे एक विद्रोही प्रांत के रूप में देखता है।
यही वजह है कि चीन जरूरत पड़ने पर ताकत का इस्तेमाल करके ताइवान को वापस पाने की कोशिश कर सकता है। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के कार्यभार संभालने पर 2016 के बाद से दोनों के बीच रिश्ते लगातार खराब हुए हैं। उन्होंने ताइवान के ‘अंखड चीन’ का हिस्सा होने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और बीजिंग उनकी पारंपरिक स्वतंत्रता समर्थक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी को गहरी संदेह की दृष्टि से देखता रहा है।
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