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Hindi News विदेश एशिया ताइवान ने कहा, अगर चीन ने हमला किया तो हम आखिरी दिन तक लड़ेंगे

ताइवान ने कहा, अगर चीन ने हमला किया तो हम आखिरी दिन तक लड़ेंगे

चीन ताइवान की लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार को मान्यता नहीं देता है और चीनी नेता शी जिनपिंग ने कहा है कि दोनों के ‘एकीकरण’ को अनिश्चितकाल के लिए नहीं टाला जा सकता है।

China Taiwan Conflict, Joseph Wu, China Taiwan War, Taiwan will fight to the end- India TV Hindi Image Source : AP ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा कि सैन्य धमकी के साथ सुलह के चीन के प्रयासों से द्वीप के निवासियों को ‘मिश्रित संकेत’ मिल रहे हैं।

ताइपे: ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने बुधवार को कहा कि अगर चीन ने हमला किया तो उनका देश ‘अंतिम दिन’ तक अपनी रक्षा करेगा। जोसेफ वू ने कहा कि सैन्य धमकी के साथ सुलह के चीन के प्रयासों से द्वीप के निवासियों को ‘मिश्रित संकेत’ मिल रहे हैं। चीन दावा करता है कि ताइवान उसका भूभाग है। वू ने कहा कि सोमवार को ताइवान के हवाई क्षेत्र में चीन के 10 युद्धक विमानों ने उड़ान भरी और ताइवान के पास उसने अभ्यास के लिए एक विमान वाहक समूह को तैनात किया है।

‘हम अपना बचाव करने के लिए तैयार हैं’
वू ने कहा, ‘हम बिना किसी सवाल के, अपना बचाव करने के लिए तैयार हैं। अगर हमें युद्ध लड़ने की जरूरत हुई तो हम युद्ध लड़ेंगे, और अगर हमें आखिरी दिन तक अपना बचाव करना पड़ा तो हम अपना बचाव करेंगे।’ चीन ताइवान की लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार को मान्यता नहीं देता है और चीनी नेता शी जिनपिंग ने कहा है कि दोनों के ‘एकीकरण’ को अनिश्चितकाल के लिए नहीं टाला जा सकता है। वू ने कहा, ‘वे एक ओर अपनी संवेदनाएं भेजकर ताइवान के लोगों को आकर्षित करना चाहते हैं, लेकिन वहीं वे ताइवान के करीब अपने सैन्य विमान और सैन्य पोतों को भी भेज रहे हैं ताकि ताइवान के लोगों को डराया जा सके।’

1949 के गृह युद्ध के बाद अलग हुए थे चीन-ताइवान
ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा, ‘चीन ताइवानी लोगों के लिए मिश्रित संकेत भेज रहा है।’ चीन की सैन्य क्षमताओं में भारी सुधार और ताइवान के आसपास उसकी बढ़ती गतिविधियों ने अमेरिका की चिंताएं बढ़ा दी हैं, जो कानूनी रूप से यह आश्वासन देने के लिए बाध्य है कि ताइवान खुद का बचाव करने में सक्षम है। ताइवान और चीन 1949 में गृह युद्ध के बीच अलग हो गए थे तथा ताइवान के अधिकतर लोग मुख्य भूमि के साथ मजबूत आर्थिक आदान-प्रदान जारी रखते हुए वास्तविक स्वतंत्रता की मौजूदा स्थिति को बनाए रखने के पक्ष में हैं।

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