ताइपे: चीन से खतरों के बीच ताइवान ने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने कहा है कि अमेरिकी प्रशासन में बदलाव के बीच उनके देश का अमेरिका के साथ संबंध मजबूत बना हुआ है। साई इंग-वेन का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी नौसेना दक्षिण चीन सागर में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है। साई इंग-वेन ने मंगलवार को कहा कि चीन द्वारा काफी संख्या में सैन्य विमान ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी हवाई क्षेत्र में भेजे जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद अमेरिकी सैन्य समर्थन बरकरार है।
‘ताइवान दबाव में नहीं झुकेगा’
साई ने पारंपरिक चंद्र नववर्ष के मौके पर टेलीविजन पर दिए अपने संबोधन में कहा, ‘मैं यह कहना चाहूंगी कि ताइवान दवाब में नहीं झुकेगा और समर्थन प्राप्त करके जल्दबाजी में आगे नहीं बढ़ेगा। जब तक बीजिंग के प्राधिकारी संघर्ष के समाधान के लिए तैयार हैं, हम भी समानता और गरिमा की शर्त के साथ उनके साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।’ साई की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिका के प्रशांत बेड़े ने दक्षिण चीन सागर में अभ्यास किया है जिसमें उसके विमानवाही पोत थियोडोर रूजवेल्ट और निमित्ज़ सहित उसके जहाजों और विमानों ने हिस्सा लिया।
‘चीन कदम उठाता रहेगा’
अमेरिका के सातवें बेड़े ने एक बयान में कहा कि मंगलवार के अभ्यास का उद्देश्य कमान और नियंत्रण क्षमताओं के बीच सामंजस्य बढ़ाना है। बता दें कि चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर स्वामित्व का दावा करता है और उसने इसमें कई कृत्रिम द्वीप भी निर्मित किए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि अमेरिकी अभ्यास क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा, ‘चीन अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाना जारी रखेगा और क्षेत्रीय देशों के साथ दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए काम करेगा।’
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