ताइपे: चीन के साथ बढ़ते तनावों के बीच ताइवान ने अपने पड़ोसी देश पर साइबर हमला करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। ताइवान ने बुधवार को कहा कि चीन की सरकार से जुड़े हैकिंग ग्रुप्स ने उसकी कम से कम 10 सरकारी एजेंसियों और सरकारी अधिकारियों के लगभग 6 हजार ईमेल अकाउंट्स पर साइबर हमले किए हैं। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी साइबर हैकर्स ने यह ‘घुसपैठ’ जरूरी डेटा चुराने के लिए की थी। बता दें कि पिछले काफी समय से चीन और ताइवान के बीच जबर्दस्त तनाव चल रहा है।
‘यह एक बेहद गंभीर खतरा है’
ताइवान की सरकार ने अपने लोगों को चीन द्वारा किए जा रहे साइबर हमलों के प्रति आगाह किया है। देश के एक वरिष्ठ अधिकारी न इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पिछले काफी समय से चीनी हैकर्स ताइवान की सरकारी एजेंसियों और उनके सूचना तंत्र में घुसपैठ की कोशिशें करते रहे हैं। लियु चिया-जुंग नाम के अधिकारी ने कहा कि चीनी हैकर्स का मतलब सरकार से जुड़े जरूरी कागजातों और डेटा की चोरी करना है। उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि हैकर्स के हाथों कुछ सूचनाएं लग भी गई हों और यह एक बेहद ही गंभीर खतरा है।
‘2018 में शुरू हुए थे साइबर हमले’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये साइबर हमले 2018 में शुरू हुए थे और इनकी जद में ताइवान के कई सरकारी दफ्तर आए थे। लियु ने कहा कि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि हैकर्स के हाथ क्या लगा है क्योंकि उन्होंने सारे साक्ष्य मिटा दिए थे। उन्होंने बताया कि जिन संस्थानों पर यह साइबर अटैक हुआ है उनमें ताइवान की कम से कम 4 टेक कंपनियां भी शामिल हैं जो सरकार को सूचना सेवाएं मुहैया कराती हैं। वहीं, चीन ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है और मामले की जांच की बात कही है। बता दें कि ताइवान को चीन अपना हिस्सा समझता है और उसे अपने हक में करने के लिए वह तमाम तरह के प्रपंच करता रहता है।
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