इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को आज उस वक्त थोड़ी राहत मिली जब सर्वोच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक और मामले को फिर से खोलने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति मुशीर आलम, न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा और न्यायमूर्ति मजहर आलम खान मियांखेल की तीन सदस्यीय पीठ ने 2014 में आए लाहौर उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ दायर अपील खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने सबूत के अभाव की वजह से मामले को रद्द कर दिया था। (रूस में 18 मार्च को राष्ट्रपति चुनाव, पुतिन को चौथी बार भी चुनाव जीतने की उम्मीद )
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने हाल ही में 1.2 अरब रुपये के हुदैयबा पेपर मिल मामले में अपील दायर की थी। इस मामले में शरीफ परिवार पर मनी लांड्रिंग का आरोप है। यह मामला पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ की ओर से शुरू किया गया था। नैब देश की शीर्ष अदालत को इस बारे में संतुष्ट कराने में नाकाम रहा कि उसने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने में इतना समय क्यों लगा दिया।
सर्वोच्च न्यायालय का आज का फैसला शरीफ परिवार के लिए राहत लेकर आया है। इससे पहले नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अगर मामला फिर से खोला जाता तो उनके भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ को भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ता।
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