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श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने पलटा संसद भंग करने का फैसला, मध्यावधि चुनाव पर भी रोक

सिरीसेना ने संसद भंग कर दी थी और पांच जनवरी को मध्यावधि चुनाव करने के आदेश जारी किए थे। इससे देश अभूतपूर्व संकट में फंस गया।

<p>Sri Lanka President Maithripala Sirisena</p>- India TV Hindi Sri Lanka President Maithripala Sirisena

कोलंबो: श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने संसद भंग करने के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के कदम को मंगलवार को पलट दिया और पांच जनवरी को प्रस्तावित मध्यावधि चुनाव की तैयारियों पर विराम लगाने का आदेश दिया। वहां मौजूद पार्टी पदाधिकारियों ने यह बताया।

सिरीसेना ने 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को पद से बर्खास्त कर दिया था और उनके स्थान पर पूर्व प्रेजिडेंट महिंदा राजपक्षे को नियुक्त किया था। इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद सिरीसेना ने संसद भंग करते हुए नए चुनाव का फैसला लिया था। अब इस पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद श्रीलंका में राजनीतिक संकट और गहरा हो गया है।

प्रधान न्यायाधीश नलिन पेरेरा की अध्यक्षता में तीन सदस्यों वाली एक पीठ ने सिरीसेना के नौ नवंबर के फैसले के खिलाफ दायर तकरीबन 13 और पक्ष में दायर पांच याचिकाओं पर दो दिन की अदालती कार्यवाही के बाद यह व्यवस्था दी। शीर्ष अदालत ने व्यवस्था दी कि सिरीसेना के फैसले से जुड़ी सभी याचिकाओं पर अब चार, पांच और छह दिसंबर को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं में विभिन्न पार्टियों के साथ स्वतंत्र चुनाव आयोग के एक सदस्य रत्नाजीवन हुले भी शामिल हैं।

सिरीसेना ने संसद भंग कर दी थी और पांच जनवरी को मध्यावधि चुनाव करने के आदेश जारी किए थे। इससे देश अभूतपूर्व संकट में फंस गया।

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