चेन्नई: श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि के निधन पर आज शोक प्रकट किया। उन्होंने शोकसंतप्त परिवार और पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘मुझे पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता करुणानिधि के निधन की खबर सुनकर बड़ा दुख हुआ। ’’ भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने ट्वीट किया, ‘‘करुणानिधि राज्य के प्रति जनसेवा के लिए वर्षों तक याद किये जाते रहेंगे।’’ (तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि का निधन, पूरे राज्य में शोक की लहर, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक )
करुणानिधि, जिन्हें कोई तमिलनाडु की राजनीति का भीष्म पितामह कहता था तो कोई कलैग्नार। हिंदुस्तान की सियासत में करुणानिधि के युग का अंत हो गया है लेकिन अब उनके अंतिम संस्कार पर सियासत जारी है। तमिलनाडु सरकार ने मरीना बीच पर करुणानिधि के अंतिम संस्कार की इजाज़त नहीं दी है और अब मामला कोर्ट में है। इसी मामले को लेकर आधी रात तक सुनवाई चली और अब आज फिर सुबह 8 बजे सुनवाई शुरू होगी। डीएमके की याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के घर सुनवाई हुई।
बताया जा रहा है कि जज सरकारी वकीलों की दलील से संतुष्ट नहीं है और आज फिर उन्हें स्पष्ट जवाब के साथ कोर्ट आने का आदेश दिया है लेकिन सस्पेंस बना है कि करुणानिधि का अंतिम संस्कार कहां होगा। यह विवाद ऐसे समय में खड़ा हुआ है, जब वृहन चेन्नै निगम को प्रसिद्ध मरीना बीच पर शवों का अंतिम संस्कार की इजाजत देने से रोकने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका को मद्रास उच्च न्यायालय से वापस ले लिया गया। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने करुणानिधि के लंबे सार्वजनिक जीवन को याद करते हुए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को पत्र लिखा और उनसे मरीना बीच पर दिवंगत नेता को उनके मार्गदर्शक सीएन अन्नादुरई के समाधि परिसर में जगह देने की मांग की थी।
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