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Hindi News विदेश एशिया श्रीलंका में चीन के पैसे से बना सबसे ऊंचा टावर, राष्‍ट्रपति ने चीनी कंपनी पर लगाया भ्रष्‍टाचार का आरोप

श्रीलंका में चीन के पैसे से बना सबसे ऊंचा टावर, राष्‍ट्रपति ने चीनी कंपनी पर लगाया भ्रष्‍टाचार का आरोप

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में चीन ने सबसे ऊंचे टावर का निर्माण किया है। 350 मीटर ऊंचे इस टावर लोटस टावर नाम दिया गया है।

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श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में चीन ने सबसे ऊंचे टावर का निर्माण किया है। 350 मीटर ऊंचे इस टावर लोटस टावर नाम दिया गया है। सोमवार को इस टावर का उद्घाटन हुआ। लेकिन इसी मौके पर श्रीलंका के राष्‍ट्रपति मैत्रिपाला सिरीसेना ने इस टावर के निर्माण से जुड़ी चीनी कंपनी पर 11 मिलियन डॉलर के घपले का आरोप लगा दिया है। बता दें कि इस टावर का निर्माण चीन के बेल्‍ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) के तहत किया गया है। भारत शुरुआत से चीन के इस प्रोजेक्‍ट का विरोध करता रहा है। 

करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए इस लोटस टावर के निर्माण में 80 फीसदी धनराशि चीन ने प्रदान की है। इस इमारत के उद्घाटन के मौके पर श्रीलंका के राष्‍ट्रपति सिरीसेना ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2012 में शुरू हुए इस प्रोजेक्‍ट के लिए चाइना एक्जिम बैंक से 16 बिलियन रुपए का कर्ज लिया गया था। राष्‍ट्रपति ने कहा कि त्रिपक्षीय समझौते के तहत चीनी कंपनी को 11 बिलियन डॉलर दिए गए थे। लेकिन यह कंपनी गायब हो गई। जब सरकार ने इस घपले की जांच की तो पता चला कि चीन में इस नाम की कोई कंपनी है ही नहीं। 

कोलंबो के आकर्षण का केंद्र बना टावर 

फिलहाल टावर का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। लेकिन उद्घाटन कर इसे जनता के लिए खोल दिया गया है। यह 17 मीटर ऊंचा टावर एक टेलिविजन टावर है।  30,600 वर्ग मीटर में बने इस टावर में एक होटल, टेलिकम्‍युनिकेशन म्‍यूजियम, ऑडिटोरियम, ऑब्‍जर्वेशन टावर, मॉल शामिल हैं। 

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