कोलंबो: ईस्टर हमलों से बुरी तरह दहले श्रीलंका ने बुर्के पर प्रतिबंध की योजना पर अमल शुरू कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस बारे में आदेश जारी कर सकती है। दरअसल, जांच के संदिग्धों और अन्य सबूतों से हमले में बड़ी संख्या में महिलाओं के शामिल होने के संकेत मिले हैं। रविवार को हुए इन हमलों में 359 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 500 लोग घायल हो गए। इन हमलों में बड़ी संख्या में विदेशी और मासूम बच्चे भी मारे गए हैं।
मस्जिद अधिकारियों से हो रही है बात
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार मस्जिद अधिकारियों से विचार-विमर्श करके इस कदम को लागू करने की योजना बना रही है। विदेशी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, ‘एक सूत्र ने कहा कि सरकार मस्जिद अधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर इस कदम को लागू करने की योजना बना रही है और सोमवार को कई मंत्रियों ने इस मामले पर राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना से बात की।’
1990 तक नहीं था बुर्के का चलन
ऐसा पाया गया कि 1990 की शुरुआत में खाड़ी युद्ध तक श्रीलंका में मुस्लिम महिलाओं की पारंपरिक वेशभूषा में बुर्का और नकाब कभी शामिल नहीं रहे। खाड़ी युद्ध के समय चरमपंथी तत्वों ने मुस्लिम महिलाओं के लिए पर्दा शुरू किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि रक्षा सूत्रों ने बताया कि डेमाटागोडा में घटनाओं में शामिल रही कई महिलाएं भी बुर्का पहनकर भाग गई।
इन देशों में भी है बुर्के पर बैन
अगर श्रीलंका ने बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया तो वह एशिया, अफ्रीका और यूरोप में उन देशों के समूह में शामिल हो जाएगा जहां इसपर बैन है। इन देशों ने आतंकवादियों को पुलिस से बचने या विस्फोटकों को छिपाने के लिए बुर्का का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए अपने यहां बुर्के पर बैन लगाया है। आपको बता दें कि चाड, कैमरून, गाबोन, मोरक्को, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, डेनमार्क, फ्रांस, बेल्जियम और उत्तर पश्चिम चीन के मुस्लिम बहुल प्रांत शिनजियांग में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध है।
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