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चीनी नागरिकों को श्रीलंका की चेतावनी, सेना की वर्दी पहनकर करते थे काम

चीनी दूतावास ने मीडिया रिपोर्ट के बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि पत्रकारिता में तथ्यों की जांच करना क्या जरूरी नहीं है? चीनी दूतावास ने आगे कहा कि भ्रामक जानकारी से मीडिया की विश्वसनीयता ही खत्म होती है

<p>श्रीलंका में काम कर...- India TV Hindi Image Source : PTI श्रीलंका में काम कर रहे कुछ चीनी PLA की वर्दी पहनकर काम करते हुए देखे गए हैं

कोलंबो। चीन और श्रीलंका के रिश्ते भले ही बाहर से ऐसे दिखते हों कि दोनों एक दूसरे के बेहद करीब हैं, लेकिन जो ताजा घटनाक्रम सामने आया है उससे साफ हो गया है कि रिश्तों में कहीं न कहीं खटास भी है। श्रीलंका की सरकार ने उसके यहां बंदरगाह पर काम कर रहे चीनी नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे ऐसे कपड़े न पहलें जो चीन की सेना पहनती है। श्रीलंका के रक्षा सचिव चीनी दूतावास को यहां तक कह दिया है कि वह अपने नागरिकों को चीनी फौज जैसे कपड़े नहीं पहनना 'सिखाए'।

दरअसल चीन की एक निजी कंपनी श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर एक रिजर्वायर में खुदाई का काम कर रही है और उस निजी कंपनी के कर्मचारी काम करते समय ऐसे कपड़े पहने हुए देखे गए हैं जैसे कपड़े चीन की सेना पहनती है। श्रीलंका में सत्तारूढ़ राजपक्ष परिवार हंबनटोटा शहर का ही रहने वाला है। कुछ दिन पहले श्रीलंका की मीडिया ने चीन के नागरिकों के कपड़ों को लेकर एक रिपोर्ट छापी थी जिसके बाद श्रीलंका की सरकार ने चीनी नागरिकों को चीनी PLA जैसे कपड़े नहीं पहने का आदेश दिया था। 

 मीडिया की रिपोर्ट के बाद श्रीलंका के रक्षा सचिव ने चीनी दूतावास से कहा कि वह बंदरगाह पर काम कर रही चीनी कंपनी से कहे कि वह अपने कर्मचारियों को ऐसे कपड़े पहनने से रोके। चीन के दूतावास ने श्रीलंका के रक्षा सचिव की शिकायत के बावजूद मीडिया रिपोर्ट पर ही सवाल उठा दिए। चीनी दूतावास ने मीडिया रिपोर्ट के बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि पत्रकारिता में तथ्यों की जांच करना क्या जरूरी नहीं है? चीनी दूतावास ने आगे कहा कि भ्रामक जानकारी से मीडिया की विश्वसनीयता ही खत्म होती है। 

श्रीलंका में चीन ने भारी निवेश किया हुआ है। 2019 में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में चीन का निवेश श्रीलंका की कुल जीडीपी का लगभग 14 प्रतिशत है। 

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