बीजिंग: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने चीन का अपना राजकीय दौरा आज प्रारंभ किया। दक्षिण कोरिया में अमेरिका ने मिसाइल रोधी प्रणाली तैनात की थी जिससे बीजिंग की नाराज हो गया था। ऐसे में इस दौरे को रिश्तों में आए तनाव को कम करने की कवायद कहा जा सकता है। ऐसी उम्मीद है कि इस चार दिवसीय दौरे में मून उत्तर कोरिया के परमाणु संकट पर भी चर्चा करेंगे। बृहस्पतिवार को उनके और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच भी बातचीत होगी। (रिपब्लिकन के गढ़ में 25 साल बाद डेमोक्रेटिक प्रत्याशी की हुई जीत )
इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिकी सेना ने परमाणु सम्पन्न उत्तर कोरिया की ओर से उपजे खतरे के जवाब में दक्षिण कोरिया में शक्तिशाली थाड प्रणाली तैनात की थी। उसके उस कदम से बीजिंग की नाराजगी बढ़ गई थी क्योंकि उसका मानना था कि यह उसकी खुद की सुरक्षा के लिए खतरा है। इसके बाद चीन ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ कई कदम उठाए थे, जिन्हें आर्थिक मोर्चे पर बदले की कार्रवाई के रूप में देखा गया। पिछले महीने दोनों देशों ने संबंध बेहतर बनाने की साझा इच्छा जाहिर करने वाले एक जैसे बयान जारी किए थे।
इसमें बीजिंग ने मांग की थी कि दक्षिण कोरिया औपचारिक रूप से यह वादा करे कि वह अब और थाड लांचर तैनात नहीं करेगा और क्षेत्र में किसी भी अमेरिकी मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली में शामिल नहीं होगा। मून के दौरे से पहले उनके कार्यालय की ओर से कहा गया था कि राष्ट्रपति चीन के साथ संबंध सामान्य करना चाहते हैं और यह दौरा और अधिक परिपक्व संबंध की दिशा में एक अहम कदम होगा।
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