इस्लामाबाद | पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने शुक्रवार को अमेरिका से आग्रह किया है कि वह कश्मीर मुद्दे पर वार्ता शुरू करने के लिए भारत को राजी करे। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया है कि वह कश्मीर मामले में मध्यस्थता के लिए तैयार तो हैं लेकिन ऐसा वह तभी करेंगे जब भारतीय प्रधानमंत्री इसके लिए राजी होंगे और भारत ने एक बार फिर तुरंत साफ कर दिया कि कश्मीर पर किसी तरह की मध्यस्थता का सवाल ही नहीं पैदा होता।
पाकिस्तान के कुछ चुनिंदा समाचार पत्रों से बातचीत में कुरैशी ने कहा कि भारत ने कश्मीर मामले में राष्ट्रपति ट्रंप की पेशकश पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। ट्रंप द्वारा कश्मीर मामले में मध्यस्थता को लेकर दोबारा दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कुरैशी ने कहा कि भारत इस मुद्दे पर वार्ता से बच रहा है और वह मसले के समाधान के लिए इच्छुक नहीं दिख रहा।
उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप दोहराते हुए कहा कि एक तरफ भारत का जोर इस बात पर है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मामला है, इस पर कोई भी बात केवल पाकिस्तान से होगी, लेकिन फिर भी वह वार्ता की मेज पर आने के लिए तैयार नहीं है।
कुरैशी ने कहा, "ट्रंप ने मध्यस्थता का प्रस्ताव क्षेत्रीय स्थिति के मद्देनजर दिया है। इसके लिए हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं। भारत आसानी से वार्ता के लिए राजी नहीं होगा। हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए भारत को इसके लिए राजी करे।" उन्होंने कहा कि वह इस मामले में संयुक्त राष्ट्र महासचिव को एक पत्र लिखने जा रहे हैं।
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