इस्लामाबाद: नाराज सऊदी अरब को मनाने पहुंचे पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा खाली हाथ इस्लामाबाद लौट गए हैं। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दो टूक लहजे में उनसे मिलने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, दोनों देशों में रिश्तों में आई तल्खी के कारण पहले से ऐलान किए गए जनरल बाजवा को सम्मानित करने का कार्यक्रम भी रियाद प्रशासन ने कैंसल कर दिया।
थक हारकर जनरल बाजवा सऊदी अरब के सेना प्रमुख फय्यद बिन हामिद अल-रूवैली से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सऊदी अरब को और अधिक सैन्य मदद देने की इच्छा भी जाहिर की। दरअसल सऊदी अरब द्वारा कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का रूख खारिज किए जाने के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया है।
पाकिस्तान ने कश्मीर विषय पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने का बार-बार अनुरोध किया लेकिन, संगठन ने उसकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जिसके बाद खफा होकर पाकिस्तान ने धमकी दी थी कि वह मुद्दे पर अलग से बैठक बुला सकता है।
बता दें कि भारत द्वारा पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने पर जोर देता रहा है। ओआईसी के 57 सदस्य हैं। हालांकि, ओआईसी की तरफ से पाकिस्तान के अनुरोध पर अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।
ओआईसी से सकारात्मक जवाब नहीं मिलने के लिए सबसे बड़ा कारण यह है कि सऊदी अरब इस पर इच्छुक नहीं है। ओआईसी में किसी भी महत्वपूर्ण फैसले के लिए सऊदी अरब का समर्थन महत्वपूर्ण है। इस संगठन पर सऊदी अरब और बाकी अरब देशों का दबदबा है।
सऊदी अरब के इस रुख की पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सार्वजनिक निंदा की थी। उन्होंने सऊदी को धमकी देते हुए कश्मीर पर अकेले बैठक बुलाने का ऐलान भी किया था। इसी से तमतमाए सऊदी ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 6.2 बिलियन डॉलर की फाइनेंशियल डील को रद्द कर दिया और उधार तेल-गैस देने पर भी रोक लगा दी। माना जा रहा है कि इस मामले को लेकर कुरैशी की कुर्सी भी जा सकती है।
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