नई दिल्लीं: एक सऊदी विपक्षी ने 26 अगस्त को काबुल हवाईअड्डे पर हमले के दौरान आईएसआईएल तत्वों का समर्थन करने में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की कथित भूमिका की बात कही है। ईरान के मेहर न्यूज ने यह दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्षी या प्रतिद्वंद्वी के अनुसार, बिन सलमान के कार्यालयों और मंत्रालयों में सऊदी सरकार के करीबी सूत्रों ने काबुल हवाई अड्डे पर बमबारी में आईएसआईएल आतंकवादी समूह के लिए सऊदी क्राउन प्रिंस के समर्थन की पुष्टि की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे कि उन्होंने वर्णन किया, बिन सलमान ने यह दिखाने की कोशिश की कि तालिबान अफगान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असमर्थ हैं और यह साबित करता है कि तालिबान के तहत, अफगानिस्तान आतंकवाद का केंद्र होगा। इससे पहले पेंटागन ने अपने एक बयान में कहा था कि अफगानिस्तान की राजधानी में हवाई अड्डे पर गुरुवार (26 अगस्त) को एक बड़े हमले के कारण कई अमेरिकी और नागरिक हताहत हुए हैं।
इस्लामिक स्टेट के एक सहयोगी संगठन ने काबुल हवाई अड्डे के एक प्रवेश द्वार पर आत्मघाती हमला किया था जिसमें कम से कम 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। यह चरमपंथी समूह उस तालिबान की तुलना में कहीं अधिक कट्टर है जिसने कुछ ही दिनों में अधिकांश अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान में सत्ता पर नियंत्रण कर लिया था। दोनों समूह अतीत में एक-दूसरे से लड़ चुके हैं और तालिबान ने आतंकवादी समूहों को पनाह नहीं देने का संकल्प लिया है।
उधर, कतर के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि विशेषज्ञ काबुल हवाई अड्डे को खोलने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन चेतावनी दी कि यह स्पष्ट नहीं है कि विमानों की आवाजाही कब शुरू होगी। अफगानिस्तान में कई लोग अब भी देश छोड़ने के लिए व्यग्र हैं। तालिबान ने लोगों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है और वे महिलाओं एवं लड़कियों को स्कूलों में पढ़ने तथा लोगों की स्वतंत्र आवाजाही जैसे भरोसे दिला रहे हैं। लेकिन काफी लोगों को इस पर संदेह है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने नये शासकों के साथ संपर्क रखने पर जोर दिया है ताकि उनके वादों को परखा जा सके। पश्चिमी प्रांत हेरात में गवर्नर के कार्यालय के बाहर दर्जनों महिलाओं ने प्रदर्शन कर अपने अधिकारों की रक्षा की मांग की। उन्होंने नारे लगाए और देश के नए नेतृत्व से आग्रह किया कि वे अपनी कैबिनेट में महिलाओं को शामिल करें। देश से बाहर निकलने का बड़ा मार्ग काबुल हवाई अड्डा अब तालिबान के हाथों में है और बंद है।
(आईएएनएस/भाषा)
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