रियाद: सऊदी अरब ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जेरुसलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दिए जाने के फैसले की निंदा की। अमेरिका के इस कदम की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी रॉयल कोर्ट ने एक बयान में इस तरह के 'गैर जिम्मेदाराना व अवांछनीय कदम' पर गंभीर परिणाम की चेतावनी दी है। इसमें कहा गया कि इससे फिलिस्तीन-इजरायल विवाद और जटिल हो गई है। इस कदम से ट्रंप ने अमेरिका की विवादित शहर पर 7 दशक पुरानी अस्पष्टता को खत्म कर दिया है। इससे पश्चिम एशिया में राजनयिक संकट और नए सिरे से खून-खराबा होने की आशंका उत्पन्न हो गई है।
ट्रंप ने बुधवार को दशकों की अमेरिकी नीति के उलट जेरुसलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दे दी। उन्होंने अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से जेरुसलम ले जाने का निर्देश दिया। सऊदी प्रेस एजेंसी ने एक सऊदी शाही अदालत के बयान के हवाले से कहा, 'साम्राज्य अमेरिकी राष्ट्रपति के जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के फैसले पर गहरा खेद प्रकट करता है। यह फैसला फलस्तीनी लोगों के ऐतिहासिक एवं स्थायी अधिकारों के खिलाफ है। साम्राज्य ऐसे अनुचित एवं गैर जिम्मेदाराना कदम के गंभीर परिणाम की चेतावनी पहले ही दे चुका है।'
सऊदी बयान में कहा गया, ‘यह फैसला जेरुसलम में फिलिस्तीनी लोगों के उन ऐतिहासिक व स्थायी अधिकारों के साथ बड़े पक्षपात का प्रतिनिधित्व करता है, जिन्हे अंतर्राष्ट्रीय संकल्पों व अंतर्राष्ट्रीय समुदायों द्वारा समर्थन व मान्यता मिली हुई है।’ सऊदी अरब के शाह सलमान ने मंगलवार को ट्रंप को आगाह किया था कि अमेरिकी दूतावास को इस्राइल के लिए जेरुसलम ले जाना एक ‘खतरनाक कदम’ होगा और इससे ‘दुनिया भर में मुस्लिम नाराज होंगे।’ इजरायल और सऊदी अरब के बीच कोई आधिकारिक राजनयिक रिश्ते नहीं हैं।
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