बीजिंग: शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को सामूहिक रूप से हिरासत में रखने की खबरों पर 22 राष्ट्रों के दूतों ने चीन की बेहद ही तीखी आलोचना की थी। हालांकि रविवार को मीडिया में आई कुछ खबरों के मुताबिक चीन को इस मसले पर अब कुछ देशों का साथ भी मिल गया है। हैरानी की बात है कि मुसलमानों को कैद में रखे जाने के बावजूद पाकिस्तान, सीरिया, ओमान, कतर, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब और रूस के साथ ही 34 अन्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र में चीन की कार्रवाई का समर्थन किया।
कई देशों ने की थी मुसलमानों की नजरबंदी रोकने की मांग
आपको बता दें कि कुछ ही दिनों पहले यूरोपीय संघ के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और कनाडा के राजदूतों ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेचलेट को पिछले हफ्ते संयुक्त रूप से एक पत्र लिखा था। इस पत्र में इन देशों के राजदूतों ने चीन से अपने खुद के कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को बरकरार रखने तथा उइगर एवं अन्य मुस्लिमों और अल्पसंख्यक समुदायों को मनमाने ढंग से नजरबंद करना रोकने की मांग की थी। साथ ही इन्होंने चीन ने मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतंत्रता की इजाजत देने को कहा था।
पाकिस्तान, सऊदी अरब चीन के साथ
एक तरफ जहां कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों ने शिनजियांग क्षेत्र में मुस्लिमों को मनमाने ढंग से सामूहिक हिरासत में लेने और संबंधित मानवाधिकार उल्लंघनों को खत्म करने की अपील की थी, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान और सऊदी अरब जैसे देशों ने चीन का समर्थन किया है। आपको बता दें कि चीन शिनजियांग में उइगरों को सामूहिक रूप से नजरबंद करने की लगातार आ रही खबरों को लेकर पश्चिमी देशों से तीखी आलोचनाओं का सामना कर रहा है। हालांकि पाकिस्तान, सऊदी और रूस समेत कई अन्य देशों का साथ पाकर अब उसे थोड़ी राहत महसूस हो रही होगी। (एजेंसियां)
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