सऊदी शासन की आलोचना करने वाले पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पन्न नाराजगी के मद्देनजर, सऊदी अरब ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपने खुफिया अभियानों की निगरानी को बढ़ाने के लिए सरकारी निकायों का गठन कर रहा है।
सऊदी शासन ने कहा कि तत्कालीन उप खुफिया प्रमुख अहमद अल-असिरी और शाही दरबार के सलाहकार सऊद अल-कहतानी के नेतृत्व में एक "कपटपूर्ण अभियान" के तहत 2 अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास के भीतर खशोगी की हत्या कर दी गई थी। उन दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है।
सऊदी अरब के शाह सलमान ने बाद में अपने बेटे व क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की देखरेख में मुख्य खुफिया एजेंसी के पुनर्गठन का आदेश दिया, जिन्हें पत्रकार की हत्या को लेकर वैश्विक स्तर पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है, लेकिन सऊदी सरकार लगातार इस बात से इनकार करती रही है कि वह उस गतिविधि में शामिल थे।
आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्राउन प्रिंस की अध्यक्षता वाली एक समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा नीति, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और "अनुमोदित प्रक्रियाओं" के अनुरूप खुफिया अभियानों के संचालन सुनिश्चित करने के लिए तीन विभागों के गठन को मंजूरी दी है।
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