इस्लामाबाद: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को कहा कि उनका देश पाकिस्तान को ‘विशेष’ सैन्य उपकरण उपलब्ध कराएगा। शीत युद्ध काल के इन 2 विरोधियों के बीच आतंकवाद से लड़ने में सहयोग बढ़ाने और संयुक्त नौसैन्य एवं भूमि अभ्यास करने पर सहमति बनी है। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि रूस का धीरे-धीरे पाकिस्तान के करीब आते जाना भारत के लिए भविष्य में चिंता पैदा कर सकता है। हालांकि रूस ने कहा है कि भारत को पाकिस्तान के साथ उसके रिश्ते से परेशान होने की जरूरत नहीं है। बता दें कि रूस के विदेश मंत्री लावरोव 9 साल बात पाकिस्तान की यात्रा पर गए हैं। इससे पहले उन्होंने 2012 में इस्लामाबाद का दौरा किया था।
‘यह क्षेत्र के सभी राज्यों के हित में है’
करीब एक दशक में पाकिस्तान जाने वाले रूस के पहले विदेश मंत्री, लावरोव ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वार्ता के दौरान दोनों में अर्थव्यवस्था, व्यापार, आतंकवाद से निपटने और रक्षा समेत सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई। लावरोव ने रूसी ऊपकरण के ब्योरे दिए बिना कहा, ‘पाकिस्तान को विशेष सैन्य उपकरण की आपूर्ति समेत हम पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी क्षमता को बढ़ाने के लिए तैयार हैं। यह क्षेत्र के सभी राज्यों के हित में है।’
‘भारत को परेशान नहीं होना चाहिए’
साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने सैन्य अभ्यासों के आयोजन पर भी सहमति जताई है। रूस और पाकिस्तान 2016 से संयुक्त अभ्यास ‘द्रुजबा’ का हर साल आयोजन करते हैं। रूस ने पूर्व में कहा था कि भारत को पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए। उसने कहा था कि मॉस्को इस्लामाबाद के साथ संबंध विकसित करने के प्रति प्रतिबद्ध है क्योंकि वह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का एक सदस्य है। पाकिस्तान जाने से पहले लावरोव सोमवार की शाम लगभग 19 घंटे की यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे थे। (भाषा)
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