अफगानिस्तान में संसदीय चुनावों के दौरान हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को अफगानिस्तान के पूर्वी नंगरहार प्रांत में सड़क किनारे बम विस्फोट में कम से कम 11 नागरिकों की मौत हो गई। प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता अत्ताहुल्लाह खोग्यानी ने बताया कि रविवार को हुए विस्फोट में मारे गए लोगों में छह बच्चे भी शामिल हैं। अफगानिस्तान में संसदीय चुनावों के दूसरे दिन यह धमाका हुआ। शनिवार को हुए हमलों और तकनीकी खामियों के कारण चुनाव की अवधि बढ़ा दी गई थी ।
अभी किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। तालिबान और इस्लामिक स्टेट से जुड़ा एक संगठन नंगरहार में सक्रिय है। सड़क किनारे सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर किए गए बम धमाके में अक्सर नागरिक मारे जाते हैं। इससे पहले हिंसा और तकनीकी खामियों से घिरे संसदीय चुनावों के दूसरे दिन रविवार को सैकड़ों मतदान केंद्र खुले।
देर रात तक हुआ मतदान
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को मतदान में काफी देरी हुई लेकिन कई मतदान केंद्र देर रात तक खुले रहे। करीब 30 लाख लोगों ने आतंकवादी हमलों की धमकी को नजरअंदाज करते हुए मताधिकार का इस्तेमाल किया। स्वतंत्र निर्वाचन आयोग ने कहा कि रविवार को शाम पांच बजे तक 401 मतदान केंद्र खुले रहेंगे।
शनिवार को हुई थी 67 की मौत
इससे पहले शनिवार को हुए संसदीय चुनावों में जबर्दस्त हिंसा हुई। चुनाव के दिन भारी बंदोबस्त के बावजूद देश भर में 193 हमलों की खबरें मिलीं। इन हमलों में 67 लोगों की मौत हो गई, वहीं 126 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इससे पहले आतंकवादी संगठन तालिबान ने शनिवार को हुए चुनावों का बहिष्कार करते हुए बड़े हमलों की धमकी दी थी। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में संसदीय चुनाव 2015 में होने थे, ये अपने प्रस्तावित कार्यक्रम से 3 साल देरी से हो रहे हैं।
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