बीजिंग: पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना द्वारा पकड़े गए चीन के भटके हुए सैनिक को बुधवार तड़के छोड़ दिया है। प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस सैनिक को चीनी सेना को वापस कर दिया गया है। चीनी सैनिक को लौटाने के भारतीय सेना के फैसले को इस सप्ताह चीन-भारत कमांडर-स्तरीय वार्ता के आठवें दौर से पहले सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, कई लोग मानते हैं कि भारत को आगामी वार्ता में ज्यादा ईमानदारी और कम उत्तेजक कदम उठाने चाहिए। बता दें कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक सैनिक को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में सोमवार को उस समय पकड़ लिया था जब वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर ‘‘भटक कर’’ भारतीय क्षेत्र में आ गया था। यह घटना ऐसे समय हुई है जब सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों ने क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर रखी है।
भारतीय सेना ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि चीनी सैनिक की पहचान कॉर्पोरल वांग या लान्ग के रूप में की गई है और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद चुसुल-मोल्डो सीमा चौकी पर उसे चीनी सेना को सौंप जाएगा। पीएलए के ‘वेस्टर्न थिएटर कमांड’ के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग शुइली ने सोमवार रात एक बयान में कहा था, ‘‘चीन को उम्मीद है कि 18 अक्टूबर की शाम स्थानीय चरवाहों के अनुरोध पर एक याक को वापस लाने में मदद करने के दौरान चीन-भारत सीमा इलाके में भटक गए चीनी सैनिक को भारत जल्द वापस कर देगा।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘पीएलए सीमा सैनिकों ने घटना के बाद भारतीय सेना को सूचित किया और उम्मीद की कि भारतीय पक्ष खोज एवं बचाव अभियान में सहायता करेगा एवं भारतीय पक्ष ने मदद करने और मिलने पर लापता सैनिक को समय पर वापस करने का वादा किया।’’ कर्नल झांग ने कहा था कि भारत की ओर से मिली ताजा जानकारी के अनुसार भटक गया चीनी सैनिक मिल गया है और उसे चिकित्सकीय जांच के बाद चीन के हवाले किया जाएगा।
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