इस्लामाबाद: पाकिस्तान में एक बात बड़े जोर-शोर से कही जा रही है कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने उससे कश्मीर को लेकर ‘मुस्लिम कार्ड’ खेलने से मना किया था। माना जा रहा है कि सऊदी अरब और UAE के विदेश मंत्रियों ने हाल के पाकिस्तान दौरे में यह साफ किया कि कश्मीर मुद्दे को भारत के साथ बातचीत से सुलझाना चाहिए और इसे 'मुसलमानों का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।' इस चर्चा ने इतना जोर पड़ा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को कहना पड़ा है कि इस आशय की तमाम रिपोर्ट व चर्चाएं 'काल्पनिक' हैं।
वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर के बयान से शुरू हुई चर्चा
कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने कहा था कि उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया है कि UAE ने पाकिस्तान से कहा है कि वह कश्मीर के मुद्दे को मुसलमानों का मुद्दा न बनाए। अब इस चर्चा में सऊदी अरब का भी नाम जुड़ गया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने गुरुवार को कहा कि इस आशय की मीडिया रिपोर्ट काल्पनिक हैं कि सऊदी अरब और यूएई के विदेश मंत्रियों ने हाल में पाकिस्तान दौरे पर यह बात पाकिस्तानी नेतृत्व के सामने रखी कि उसे कश्मीर को मुस्लिम मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।
'सऊदी और यूएई ने कश्मीर के लिए जताया समर्थन'
फैसल ने इन रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि दोनों मंत्रियों ने 'कश्मीर मामले में पाकिस्तान के साथ एकजुटता दिखाई और कश्मीर के प्रति अपना समर्थन जताया।' फैसल ने विदेश कार्यालय में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में यह सफाई दी। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए मध्यस्थता पर भी राजी है और द्विपक्षीय बातचीत पर भी। पाकिस्तान ने हमेशा बातचीत पर जोर दिया है, देखते हैं कि आगे क्या होता है। उन्होंने यह भी कहा कि 'भारत कश्मीर में मानवाधिकार के मुद्दे पर विश्व को गुमराह करना बंद करे और वहां से पाबंदियां हटाए।'
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