बीजिंग मुख्यालय में SCO की ओर से आयोजित किए गए एक स्वागत समारोह में आयोजकों को शर्मिंदा होना पड़ा। मामला उस समय का है जब पाकिस्तान की एक झांकी में लाहौर के शालीमार गार्डन के बजाय भारत का लाल किला दिखा। भारत और पाक के एससीओ में प्रवेश को रेखांकित करने के लिए इस स्वागत समारोह का आयोजन किया गया था। (अमेरिका: बम की धमकी के बाद बंदरगाह को खाली कराया गया)
इस कार्यक्रम में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारतीय राजदूत विजय गोखले और पाकिस्तानी राजदूत मसूद खालिद के साथ इस कार्यक्रम में शानिल हुए। बुधवार को हुई इस दावत में पाकिस्तान की ओर से भारत के लाल किले को पाकिस्तान के शालीमार गार्डन के रूप में दिखाया गया। भारतीय राजनायिकों की ओर से इस पर आपत्ति जताने के बाद पाकिस्तान ने इसे अपनी गलती माना। स्मारक पर भारतीय झंडा साफ तौर पर दिख रहा था। यह पाकिस्तान की झांकी में शामिल था, जिस पर शीर्षक लिखा था, 'लाहौर में किला एवं शालीमार गार्डेन (1981)।' झांकी में शामिल पाकिस्तानी महिला ने नाम न जाहिर करने पर कहा, "यह एक गड़बड़ी है। भारतीय व पाकिस्तानी दोस्त हैं।"
SCO के सभी 8 देशों- चीन, भारत, रूस, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की। कजाकिस्तान ने तैमूर की विरासत पर दावा किया। तैमूर को मुगल वंश के पूर्वजों में से एक माना जाता है। SCO कार्यक्रम में मुगलों का जिक्र होना काफी दिलचस्प है। मुगल वंश का पहला शासक बाबर केंद्रीय एशिया से भारत आया था। सेंट्रल एशिया का प्रतिनिधित्व यूरेशियन देश करते हैं
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