इस्लामाबाद: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन अपने 2 दिन के आधिकारिक पाकिस्तान दौरे पर गुरुवार को इस्लामाबाद पहुंचेंगे। अधिकारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है। एर्दोगन के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आ रहा है जिसमें कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ प्रमुख तुर्की निगमों के CEO शामिल हैं। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब पाकिस्तान कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन से नदारद होने के कारण हुई क्षति की भरपाई करने की कोशिश कर रहा है।
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भी कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन में भाग लेना था, लेकिन मलेशिया, तुर्की, ईरान और कतर के नेताओं के इकट्ठा होने पर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की चिंताओं का हवाला देते हुए अंतिम समय में बैठक से दूरी बना ली थी। सऊदी अरब ने इस शिखर सम्मेलन को कुछ इस्लामिक देशों द्वारा मुस्लिम दुनिया में एक नया ब्लॉक बनाने के प्रयास के रूप में देखा था। हालांकि, मेजबान मलेशिया और पाकिस्तान ने ऐसी धारणाओं को खारिज कर दिया था। वहीं, इमरान के यू-टर्न ने तुर्की और मलेशिया दोनों को नाराज कर दिया था।
विदेश कार्यालय द्वारा बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि यात्रा के दौरान, खान और एर्दोगन के बीच चर्चाएं होंगी। इसके बाद वे पाकिस्तान-तुर्की हाई लेवल स्ट्रेटजिक कारपोरेशन काउंसिल (HLSCC) के 6वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे। सत्र के समापन पर एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस मौके पर कई महत्वपूर्ण समझौतों और ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर भी हो सकते हैं। माना जा रहा है कि इमरान खान इस मौके पर अपने खास दोस्त को मनाने की भरपूर कोशिश करेंगे।
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