भारत के किसी भी "दुस्साहस" का जवाब देने को तैयार: पाकिस्तान
पाकिस्तान ने यह बात भारत के साथ अचानक बढ़े तनाव के मद्देनजर देश के शीर्ष नौकरशाहों और सैन्य अधिकारियों की राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा के लिए हुई एनएससी की बैठक के बाद कही।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने रविवार को आगाह किया कि वह भारतीय सुरक्षा बलों के किसी भी "दुस्साहस और उकसावे" का जवाब देने को तैयार है। पाकिस्तान ने यह बात भारत के साथ अचानक बढ़े तनाव के मद्देनजर देश के शीर्ष नौकरशाहों और सैन्य अधिकारियों की राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा के लिए हुई एनएससी की बैठक के बाद कही।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की यह बैठक सेना के इस आरोप के बाद बुलाई कि भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आम लोगों को निशाना बनाकर क्लस्टर बमों का इस्तेमाल किया। हालांकि, भारतीय सेना ने शनिवार को इन आरोपों को "झूठा और मनगढ़ंत" बताते हुए खारिज कर दिया था। एनएससी की बैठक में रक्षा मंत्री परवेज खत्ताक, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, गृह मंत्री ब्रिगेडियर (सेवानिवृत) एजाज शाह, सेना के तीनों अंगों के प्रमुख, आईएसआई के प्रमुख और अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है पाकिस्तान भारत के किसी भी दुस्साहस और उकसावे के खिलाफ खुद के बचाव के लिए तैयार है और कश्मीर के लोगों को हर तरह के कूटनीतिक, नैतिक और राजनीतिक समर्थन देना जारी रहेगा। बैठक में भारत की कार्रवाइयों की आचोलना की गई। बयान में कहा गया है, "पाकिस्तान एक बार फिर दोहराता है कि कश्मीर लंबे समय से अनसुलझा अंतरराष्ट्रीय विवाद है जिसके शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता है। लिहाजा पाकिस्तान भारत से आग्रह करता है कि वह कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप इस मुद्दे को हल करने के लिए आगे आए।"
बयान के मुताबिक (कश्मीर घाटी में) सुरक्षा बलों की हालिया तैनाती आग में घी डालने जैसी है। बयान में कहा गया, "फोरम ऐसे समय में भारत की इस तरह की रणनीति की कड़ी निंदा करता है जबकि पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगान संकट के समाधान पर ध्यान केन्द्रित किए हुए हैं।"
इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर मामले में मध्यस्थता करें। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने लिखा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने कश्मीर मामले में मध्यस्थता की पेशकश की। अब ऐसा करने का समय आ गया है क्योंकि वहां हालात खराब हो रहे हैं और नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना नए आक्रामक कदम उठा रही है।"
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्रीय संकट को हवा देने वाले कदम हैं। खान ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के उनके अधिकार का उपयोग करने दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा का एकमात्र रास्ता कश्मीर समस्या के शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण समाधान से होकर गुजरता है।" उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने "क्लस्टर बमों" का इस्तेमाल किया। इमरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इस पर ध्यान देने के लिए कहा।