रियाद: तीन खाड़ी देशों और मिस्र द्वारा अपने साथ रिश्ते तोड़ने के फैसले की आलोचना करते हुए सोमवार को कतर ने कहा कि यह अन्यायपूर्ण है और इसका उद्देश्य दोहा को राजनीतिक संरक्षणवाद के तहत लाना है। कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में सउदी अरब, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र के अप्रत्याशित कदम का संदर्भ देते हुए कहा है यह कदम अन्यायपूर्ण हैं और झूठे तथा बेबुनियाद दावों पर आधारित हैं। बयान में आगे कहा गया है इसका उद्देश्य साफ है, यह देश पर संरक्षणवाद थोपने के लिए है। यह कतर की एक देश के तौर पर संप्रभुता का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि कतर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए सउदी अरब, मिस्र, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात ने सोमवार को घोषणा की है कि वे इस खाड़ी देश के साथ अपने राजनयिक रिश्ते खत्म कर रहे हैं। सउदी की समाचार एजेंसी एसपीए ने कहा कि रियाद आतंकवाद और चरमपंथ के खतरों से अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की हिफाजत करने के लिए अपने पड़ोसी के साथ अपने राजनयिक रिश्ते खत्म करता है और उसके साथ लगने वाली अपनी सीमाएं बंद करता है। एसपीए ने एक सउदी अधिकारी के हवाले से कहा कि देश ने कतर के साथ राजनयिक और दूतावास संबंधी रिश्ते खत्म करने और सभी जमीनी, समुद्री एवं हवाई रास्तों को बंद करने का फैसला किया है।
सउदी के बयान में कहा गया कि यह निर्णायक कदम बीते वर्षों में कतर में मौजूद अधिकारियों द्वारा किए गए भारी उल्लंघनों के कारण उठाया गया है। संयुक्त अरब अमीरात ने भी संबंध खत्म करने की घोषणा कर दी। मिस्र के विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान के जरिए कतर के साथ संबंध खत्म करने की घोषणा की और दोहा पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। बयान में कहा गया कि कतर के पोतों के लिए मिस्र के सभी पोर्ट और एयरपोर्ट्स बंद रहेंगे। बहरीन की समाचार एजेंसी ने कहा कि बहरीन की सुरक्षा और स्थिरता को हिलाने और उसके मामलों में दखल देने पर दोहा की ओर से दिए जाने वाले जोर के चलते वह कतर के साथ संबंध खत्म कर रहा है। यमन के 2 साल के युद्ध में सउदी के नेतृत्व वाले अरब गठबंधन ने भी कहा कि उसने कतर को निकाल दिया है।
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