खाड़ी से लोगों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू, लोगों के सामने मुश्किल विकल्प
बृहस्पतिवार को एक विमान 177 भारतीयों को लेकर दुबई से कोझिकोड के लिए रवाना होने वाला है। इन यात्रियों में 11 गर्भवती महिलाएं, परेशान श्रमिक, बुजुर्ग और वे तीन व्यक्ति शामिल हैं जो हवाई अड्डा पर फंसे हुए थे।
दुबई. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारतीय नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गयी है लेकिन लोगों को मुश्किल विकल्पों में से एक का चयन करना है। कई लोगों की नौकरियां चली गयी हैं और कइयों को यह लग रहा है कि अपने देश लौटकर भी उन्हें शायद ही कोई काम मिल सकेगा।
केरल के तेजस जोडी लाल ऐसे ही एक व्यक्ति हैं जिन्हें पहली उड़ान में शामिल करने के लिए वरीयता दी गयी है क्योंकि उनकी नौकरी चली गयी है। लाल यहां जिस कंपनी में काम कर रहे थे, वह अभी बंद है और उन्हें बिना वेतन के अवकाश पर भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अपना जीवन यापन करने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं, इसलिए घर वापस जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। वह बृहस्पतिवार को एयर इंडिया एक्सप्रेस की विशेष उड़ान में सवार होने के लिए अबू धाबी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे।
खाड़ी क्षेत्र में भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों द्वारा प्राथमिकता सूची तैयार की जा रही है लेकिन हर कोई लाल जैसा भाग्यशाली नहीं है। पेशे से क्लीनर प्रशांत की भी नौकरी चली गयी है और वह उलझन में हैं कि उन्हें आगे क्या करना चाहिए।
प्रशांत ने पीटीआई-भाषा से कह ‘‘मुझे दुबई छोड़ना है, लेकिन मुझे नहीं मालूम है कि कब ऐसा होगा। मैंने उड़ान में सवार होने के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं किया है क्योंकि अगर मैं भारत पहुंच भी जाता हूं तो मुझे दो सप्ताह के लिए पृथक-वास में रहना होगा। उसके बाद मेरे पास कोई रोजगार नहीं रहेगा। मुझे डर है कि अगर मुझे वायरस का संक्रमण हो गया तो क्या होगा।’’
बृहस्पतिवार को एक विमान 177 भारतीयों को लेकर दुबई से कोझिकोड के लिए रवाना होने वाला है। इन यात्रियों में 11 गर्भवती महिलाएं, परेशान श्रमिक, बुजुर्ग और वे तीन व्यक्ति शामिल हैं जो हवाई अड्डा पर फंसे हुए थे। रियाद में भारतीय दूतावास ने घोषणा की है कि आने वाले दिनों में पांच और विशेष उड़ानें संचालित होंगी।
एक उड़ान शुक्रवार को रियाद से कोझिकोड के लिए रवाना होगी जबकि दूसरी उड़ान 10 मई को रियाद से दिल्ली के लिए उड़ान भरेगी। इन विशेष उड़ानों से कुछ लोगों की तात्कालिक जरूरतें पूरी होंगी। लेकिन उन लोगों में विशेष चिंता है जो तत्काल नहीं लौट रहे हैं। शिरीष सुंदर (अनुरोध पर नाम बदला गया) ने जनवरी के अंत तक दिल्ली लौटने की योजना बनायी थी। लेकिन कोरोना वायरस के कारण योजना टल गयी।
सुंदर ने कहा कि उनके पिता की उम्र 65 साल से ज्यादा है और वह बीमार रहते हैं। उनका एक भाई डॉक्टर है जो महामारी के खिलाफ जंग में शामिल है। उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार के पास जाना चाहते हैं। लेकिन अगर दिल्ली लौट भी जाएं तो वहां उन्हें कौन सा काम करने को मिलेगा। भारतीय दूतावास की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय नागरिकों की संख्या करीब 34.2 लाख है जो यहां की आबादी का करीब 30 प्रतिशत है।