शेनयांग: कैंसर पीड़ित नोबेल पुरस्कार विजेता लियू शियाबो को विदेश में इलाज कराने की अनुमति देने को लेकर चीन पर आज अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। गौरतलब है कि सरकारी असपताल की ओर से उनकी हालत मृत्यु के निकट बताए जाने के बाद ऐसा हो रहा है। अमेरिका और जर्मनी ने 61 वर्षीय लेखक के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की है। लियू का इलाज कर रहे अस्पताल ने कल कहा था कि उनके अंग ने काम करना बंद कर दिया है और उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है। (अमेरिकी राष्ट्रपति अपने दो दिवसीय दौरे पर आज फ्रांस रवाना हुए)
शेनयांग के पूर्वोत्तर शहर में चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी के फर्स्ट हॉस्पीटल के मुताबिक डॉक्टरों ने बताया कि लियू को जीवित रखने के लिए कृत्रिम वेंटिलेशन पर रखना होगा लेकिन उनके परिवार वालों ने मना कर दिया है। मानवाधिकार संगठनों ने लियू के स्वास्थ्य के बारे में निष्पक्ष खबरों की कमी की निंदा की है और अधिकारियों पर खबरों से छेड़छाड़ कर जानकारी देने का आरोप लगाया है। संगठनों का कहना है कि भारी सुरक्षा कर्मियों से लैस अस्पताल की वेबसाइट उनके स्वास्थ्य पर सूचनाओं का एकमात्र स्रोत है।
अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि लियू का कहां इलाज किया जा रहा है लेकिन बृहस्पतिवार से कम से कम पांच पुलिस अधिकारी अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग में प्रवेश करने वालों पर नजर रखने के लिए तैनात हैं। कई अन्य को इमारत के अंदर और बाहर कई जगह देखा गया है।
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