बीजिंग: चीन ने मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह दिग्गज राजनेता थे। ड्रैगन ने दिवंगत नेता को याद करते हुए कहा कि उनका जाना भारत-चीन की मित्रता के लिए बड़ी क्षति है। 84 वर्षीय मुखर्जी का सोमवार को दिल्ली के एक अस्पताल में हृदयाघात से निधन हो गया। वह 21 दिन से अस्पताल में थे और अनेक बीमारियों से जूझ रहे थे। ‘भारत रत्न’ मुखर्जी के निधन पर देश में 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक सवाल के जवाब में बीजिंग में हुई मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी भारत के दिग्गज राजनेता थे। 50 वर्ष की राजनीतिक यात्रा में उन्होंने चीन-भारत संबंधों में सकारात्मक योगदान दिया है।’ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 2014 में हुई भारत यात्रा और मुखर्जी से मुलाकात का जिक्र करते हुए चुनयिंग ने कहा कि बैठक के बाद दोनों देशों ने करीबी विकास साझेदारी के निर्माण के लिए संयुक्त बयान जारी किया था।
हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘यह भारत और चीन की मित्रता तथा भारत के लिए भारी क्षति है। हम उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हैं और भारत सरकार तथा उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।’ बता दें कि मंगलवार को प्रणब मुखर्जी के सरकारी निवास 10, राजाजी मार्ग पर उनके पार्थिव शरीर को रखा गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तीनों सेनाओं के प्रमुखों समेत कई वीआईपी ने उनके अंतिम दर्शन किए। पूर्व राष्ट्रपति का अंतिम संस्कार लोधी रोड स्थित श्म शान घाट पर किया गया।
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