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चीन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग से की मुलाकात, अब पाकिस्तान पर होगी बात!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के छिंग-ताओ शहर पहुंच गए हैं। मोदी छिंग-ताओ में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग की भी मुलाकात होगी।

PM Narendra Modi to meet Xi Jinping on SCO summit sidelines in China | AP- India TV Hindi PM Narendra Modi to meet Xi Jinping on SCO summit sidelines in China | AP

बीजिंग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के छिंग-ताओ शहर पहुंच गए हैं। मोदी छिंग-ताओ में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस बंदरगाह शहर में आने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों देशों के नेता हालांकि पहले भी एक दर्जन से ज्यादा बार मिल चुके हैं लेकिन किंगडाओ में शनिवार को होने वाली मुलाकात मध्य चीनी शहर वुहान में हुई 'ऐतिहासिक अनौपचारिक मुलाकात' के करीब 2 महीने बाद हुई है। भारत और पाकिस्तान को पिछले साल आधिकारिक रूप से इस 8 सदस्यों वाले सुरक्षा ब्लॉक में शामिल किया गया था। इस संगठन में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं।

दोनों देशों के बीच एक साल पहले 2 महीने चले सैन्य गतिरोध के बाद 2018 में भारत और चीन के रिश्ते में सुधार होता हुआ दिखाई दे रहा है। चीन इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेपरेरी इंटरनेशनल रिलेशंस के दक्षिण व दक्षिणपूर्व एशियाई एवं ओशियनियन संस्थान के निदेशक हु शीशेंग ने बताया, ‘यह एक महत्वपूर्ण मुलाकात है लेकिन स्वरूप में अधिक प्रतीकात्मक है। इसकी तुलना वुहान से नहीं की जा सकती। किंगडाओ में होने वाली मुलाकात औपचारिक होगी।’ मोदी शनिवार को शी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। मोदी और पुतिन के बीच पिछले महीने सोची में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी।

पाकिस्तान को बेनकाब करेंगे पीएम मोदी?
SCO शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में मोदी पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के मुद्दे को उठा सकते हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन की प्रमुख विशेषताओं में से एक ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी की उपस्थिति होगी। चीन ने उन्हें फोरम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। रूहानी की उपस्थिति का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि हाल ही में अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते से अपने हाथ वापस खींच लिए हैं। चीन ने इस परमाणु समझौते की रक्षा का संकल्प लिया हुआ है। मंगोलिया, अफगानिस्तान और बेलारूस के साथ ईरान को शिखर सम्मेलन में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है।

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