नई दिल्ली/बैंकाक: भारत-आसियान सम्मेलन और क्षेत्रीय विस्तृत आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) सम्मेलन में भाग लेने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में विशेष जोर आसियान देशों के साथ भारत के व्यापार एवं सुरक्षा संबंधों को मजबूत बनाना, आरसीईपी समझौते को मूर्त रूप देने पर होगा।
इन दोनों सम्मेलनों के अलावा थाईलैंड में पीएम मोदी सालाना पूर्वी एशिया सम्मेलन में भी भाग लेंगे। इस सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा के अलावा आतंकवाद और चरमपंथी प्रवृत्तियों के उभार के खतरों से निपटने के तरीकों पर चर्चा हो सकती है। आसियान का यह वार्षिक सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब चीन ने दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्र और हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
आसियान समूह का भारत के अलावा अमेरिका, जापान, रूस और चीन के साथ अलग-अलग शिखर सम्मेलन होगा। आसियान के सदस्यों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यामां और कंबोडिया शामिल हैं। वहीं, पूर्वी एशिया सम्मेलन में आसियान देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस हिस्सा लेंगे।
आसियान सम्मेलन में व्यापार और निवेश संबंधी मुद्दों पर जोर रहने का अनुमान है जबकि पूर्वी एशिया सम्मेलन में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद, परमाणु अप्रसार तथा पलायन से संबंधित मुद्दों पर जोर दिया जाएगा। एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत-आसियान सम्मेलन के दौरान आसियान देशों के साथ व्यापार और सुरक्षा संबंधों को मजबूत बनाना भारत की प्राथमिकता में रहेगा।’’
(इनपुट- भाषा)
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