बिश्केक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और किर्गिजस्तान ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए अगले पांच साल का खाका तैयार कर लिया है। उन्होंने दोनों देशों के कारोबारी समुदाय से विभिन्न क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को भुनाने का आह्वान किया।
भारत- किर्गिजस्तान व्यापार मंच को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और किर्गिजस्तान ने दोहरा कराधान बचाव समझौते (डीटीएए) और द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप दे दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक इससे द्विपक्षीय व्यापार के लिए उपयुक्त माहौल तैयार होगा।
पीएम मोदी और किर्गिजस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव ने संयुक्त रूप से भारत-किर्गिज व्यापार मंच का उद्घाटन किया। उल्लेखनीय है कि मोदी की किर्गिजस्तान यात्रा से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और किर्गीस्तान के बीच के द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी थी। इस द्विपक्षीय संधि से भारत और किर्गिजस्तान के बीच निवेश का प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है। इससे दोनों देशों में निवेश करने वाले निवेशकों को संरक्षण भी मिलेगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि विश्व की अर्थव्यवस्था में तेजी से बदलाव आ रहा है। ऐसे में भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि और प्रौद्योगिकी से जुड़ा विकास विश्व में स्थायित्व एवं आशा के प्रमुख कारक हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''भारत एक विशाल बाजार है और हमारे देश की युवा प्रतिभा और उत्साही नवोन्मेषी पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के हमारे लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।''
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत एवं किर्गिजस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक भागीदारी संभावनाओं के मुकाबले काफी कम है। उन्होंने इसे बढ़ाने के लिए तीन मार्ग भी सुझाए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने वाले तीन उत्प्रेरक हैं। उपयुक्त माहौल, संपर्क एवं कारोबार-से-कारोबार के मध्य आदान-प्रदान।''
उन्होंने कहा कि डीटीएए और द्विपक्षीय निवेश संधि के अतिरिक्त हमने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए पांच साल का खाका तैयार किया है। उन्होंने किर्गिजस्तान के कारोबारियों को भारत के कारोबारियों के साथ काम करने को कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और किर्गिजस्तान के विभिन्न उत्पाद एक-दूसरे के पूरक हैं।
उन्होंने कहा, ''आपका भारत में स्वागत है।''
मोदी ने कहा कि किर्गिजस्तान में भारतीय कारोबारियों के लिए कपड़ा, रेलवे, जल विद्युत, खनन एवं अन्य क्षेत्रों में संभावनाएं मौजूद हैं। मोदी ने कहा कि दो देशों के बीच व्यापार को सुगम बनाने में संपर्क काफी अहम होता है। उन्होंने इस संबंध में चाबहार बंदरगाह का उल्लेख किया, जो भारत और अफगानिस्तान के मध्य नए मार्ग के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा, ''हमें भारत और मध्य एशिया के बीच संपर्क को बेहतर बनाने पर ध्यान देने की जरूरत है। किर्गिजस्तान गणराज्य यूरेशिया संघ का हिस्सा है और हम यूरेशिया संघ के साथ व्यापार बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।''
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