नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय सिंगापुर दौरे का आज अंतिम दिन है। शुक्रवार को इस्ताना में पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया। इस दौरान उनके साथ सिंगापुर के पीएम ली सिएन लूंग भी मौजूद रहे। स्वागत के बाद पीएम मोदी ने राष्ट्रपति हलिमा याकूब से शिष्टाचार भेंट की। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दक्षिण एशियाई देशों की विदेश यात्रा के अंतिम चरण में सिंगापुर पहुंचे हैं। यहां शुक्रवार को मोदी कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
पीएम मोदी शांगरी-ला वार्ता को संबोधित करेंगे। यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सम्मेलन को संबोधित करेगा। इस कार्यक्रम में 40 देशों के रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख और शीर्ष अधिकारी भाग लेंगे। शांगरी-ला डायलॉग के बाद सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली ने सभी मेहमानों के लिए डिनर रखा है।
भारत व सिंगापुर के बीच के संबंधों को हार्दिक व निकटतम संबंध बताते हुए पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा था कि दोनों पक्ष हमारे युग के संबंध बना रहे हैं। एक व्यापारिक व सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान मोदी ने भारत व सिंगापुर के बीच के संबंध को 'हमारी विरासत' बताया। दक्षिणपूर्व एसियाई शहर से हमेशा प्रेरणा मिलने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि इसने दिखाया है कि उपलब्धियों को हासिल करने में आकार कोई बाधा नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, "सिंगापुर की सफलता इसकी बहु सांस्कृतिक समाज के सौहार्द में है, इसके विविधता के जश्न में विशिष्ट व अनूठी सिंगापुर की पहचान है।" मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच बिना किसी संघर्ष और दावों के हार्दिक और निकटतम संबंध है। भारतीय मूल के यहां 800,000 लोगों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, यहां सिंगापुर में आप भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
उन्होंने कहा, "इस असाधारण विरासत की नींव पर हमारे मानव संपर्क की संपत्ति व हमारे साझा मूल्य की ताकत पर भारत व सिंगापुर हमारे युग का संबंध बना रहे हैं।" उन्होंने कहा, "यह संबंध है जो सामरिक साझेदारी के परीक्षण को वास्तविक रूप से पूरा करता है।" भारत व सिंगापुर ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को 2015 में सामरिक साझेदारी तक बढ़ाया। मोदी ने कहा कि जब भारत ने दरवाजे खोलकर पूर्व की ओर देखा, तब सिंगापुर हमारा सहयोगी बना और भारत और आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन) के बीच सेतु बना।
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