ओसाका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर BRICS देशों की शुक्रवार को हुई अनौपचारिक बैठक में पाकिस्तान पर इशारों में निशाना साधते हुए एक बार फिर आतंकवाद का मुद्दा उठाया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिये सबसे बड़ा खतरा है जो न सिर्फ बेगुनाहों की हत्या करता है बल्कि आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद और जातिवाद का किसी भी जरिए से समर्थन बंद करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद मानवता के लिये सबसे बड़ा खतरा है। यह सिर्फ निर्दोषों की ही हत्या नहीं करता बल्कि आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।’ प्रधानमंत्री जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये ओसाका पहुंचे हैं। उन्होंने ब्राजील का राष्ट्रपति चुने जाने पर जेयर बोल्सोनारो को बधाई दी और ब्रिक्स परिवार में उनका स्वागत किया। ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) नेताओं की मुलाकात के दौरान उन्होंने दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपति चुने जाने पर सिरिल रामफोसा को भी बधाई दी।
अपनी टिप्पणी में मोदी ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) को मजबूत बनाने, संरक्षणवाद से लड़ने, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘आज, मैं तीन प्रमुख चुनौतियों पर अपना ध्यान केंद्रित करूंगा। पहली है, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता और गिरावट। नियम आधारित बहुपक्षीय वैश्विक व्यापार प्रणाली पर एकपक्षवाद और प्रतिस्पर्धात्मकता का प्रभाव है। संसाधनों की कमी, आधारभूत ढांचे में निवेश में लगभग 1.3 खरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की कमी है।’
प्रधानमंत्री विकास को सतत् और समावेशी बनाने को दूसरी चुनौती करार दिया। डिजिटलाइजेशन जैसी तेजी से बदलती तकनीकें और जलवायु परिवर्तन मौजूदा और आने वाली पीढ़ियों के लिए चुनौती पेश करती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास तभी सार्थक है जब यह असमानता घटाए और सशक्तिकरण में योगदान दे। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के साथ त्रिपक्षीय मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद ट्रंप के साथ एक द्विपक्षीय मुलाकात भी हुई।
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