अपने 5 दिवसीय यात्रा में पीएम मोदी के म्यांमार दौरे का आज आखिरी दिन हैं। बीत बुधवार पीएम मोदी ने आंग सान सू की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। आज प्रधानमंत्री मोदी म्यांमार के मशहूर दगॉन पगोड़ा मंदिर देखने पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री ने जमीन पर बैठक भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना की। श्वेदगॉन पगोड़ा करीब 2500 साल पुराना है, यहां गौतम बुद्ध के बाल और कई अन्य पवित्र निशानियां मौजूद हैं। इस मंदिर में एक सोने से ढका हुआ पगोडा और स्तूप है। ये म्यांमार के सबसे पवित्र बौद्ध स्मारकों में से एक है। आपको बता दें कि पीएम मोदी के म्यांमार दौरे का आज आखिरी दिन है। इसके बाद वो कालीबाड़ी मंदिर भी जाएंगे और पूजा-अर्चना करेंगे। उल्लेखनीय है कि 1105 ईसवी में बने इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। इसे पगान राजवंश के राजा क्यानजित्था ने बनवाया था। इस मंदिर का नाम बुद्ध के प्रथम चचेरे भाई और निजी सचिव वेनरेबल आनंद के नाम पर रखा गया है। (गौरी लंकेश हत्याकांड मामला पहुंचा अमेरिका, की स्वतंत्र जांच की मांग)
श्वेडागोन पगोडा बर्मा की राजधानी यांगोन में स्थित एक 99 मीटर ऊँचा सोने से ढका हुआ पगोडा और स्तूप है। यह कन्डोजी झील से पश्चिम में सिन्गुटरा पहाड़ी पर स्थित है और पूरे यांगोन शहर से ऊँचाई पर है। यह बर्मा का सबसे महत्वपूर्ण और शुभ पगोडा माना जाता है और इसमें पिछले पाँच बुद्धों की कुछ यादगारें हैं: काकूसंध की छड़ी, कोणगमन की पानी की छन्नी, कश्यप के वस्त्र का एक अंश और गौतम बुद्ध के बालों के आठ रेशे।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इस मंदिर और शहर के कुछ अन्य ऐतिहासिक संरचनाओं के जीर्णोद्धार का काम करा रहा है। इससे पहले बुधवार को मोदी ने नेपेडा में म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ द्विपक्षीय बातचीत की, जिसके बाद 11 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। मोदी बागान से यंगून के लिए रवाना होंगे, जहां शाम को वह भारतीय समुदाय से बातचीत करेंगे।
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