मनीला: फिलीपींस ने कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच और आइसोलेशन में रखे जाने पर आने वाले खर्च पर विवाद के चलते श्रमिकों को सऊदी अरब भेजे जाने पर रोक लगा दी है। हालांकि बाद में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब के आश्वासन के बाद यह रोक हटा ली गई। फिलीपींस की सरकार के इस अस्थायी प्रतिबंध से हजारों कामगार प्रभावित होंगे, और सऊदी अरब को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। जिन श्रमिकों को रोका गया है, इनमें शुक्रवार को सऊदी अरब के लिए रवाना होने वाले 400 यात्री भी शामिल हैं। इन यात्रियों को प्रतिबंध लागू होने के बाद फिलीपींस एयरलाइन की उड़ानों में बैठने की अनुमति नहीं दी गई।
‘नियोक्ताओं को उठाने चाहिए ये सारे खर्च’
बता दें कि फिलीपींस वैश्विक मजदूरों का प्रमुख स्रोत है और यहां के कुशल कामगार दुनियाभर के देशों में अपनी सेवाएं देते हैं। सरकार ने कहा कि उसे पता चला है कि श्रमिकों को सऊदी अरब में कोविड-19 की जांच और आइसोलेशन सेंटर में रहने का खर्च देने के लिए कहा जा रहा है। श्रम मंत्री सिलवेस्त्रे बेलो तृतीय ने कहा कि सरकारी नियमों के मुताबिक नियुक्ति एजेंसियों या उनके नियोक्ताओं को जांच और सऊदी अरब में आइसोलेशन में 10 दिन के उनके ठहरने के साथ-साथ कार्यस्थलों पर पहने जाने वाले रक्षात्मक पोशाकों का भी खर्च उठाना चाहिए।
सऊदी अरब जल्द दे सकता है लिखित आश्वासन
सिलवेस्त्रे बेलो तृतीय ने कहा कि ऐसे खर्च फिलीपींस के कामगारों पर अत्यधिक वित्तीय बोझ डालेंगे। फिलीपींस की यह दंडात्मक कार्रवाई कुछ ही वक्त के लिए प्रभावी हो सकती है क्योंकि बेलो ने शनिवार को कहा कि उन्हें मनीला में सऊदी अरब के राजदूत से आश्वासन मिला है कि सऊदी नियोक्ता ये खर्च उठाएंगे। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब से लिखित में आश्वासन मिलने के बाद यह प्रतिबंध हटा लिया जाएगा। माना जा रहा है कि सऊदी अरब द्वारा फिलीपींस की सरकार को लिखित में आश्वासन देने के बाद बैन हटा लिया गया है।
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