पेशावर: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाने वाले पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार सेठ का कोरोना वायरस संबंधी दिक्कतों के चलते इस्लामाबाद में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सेठ 58 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है। वह खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दीखान जिले से संबंध रखते थे।
अधिकारियों ने कहा कि सेठ 22 अक्टूबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद उन्हें पेशावर में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें इस्लामाबाद के कुलसुम इंटरनेशनल अस्पताल ले जाया गया था, जहां बृहस्पतिवार को उनका निधन हो गया। सेठ ने जून 2018 में पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ली थी।
वह उस वक्त चर्चा में आए थे जब दिसंबर 2019 में उन्होंने एक विशेष पीठ की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को तीन नवंबर, 2007 को देश में आपातकाल लागू करने से संबंधित देशद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई थी।
साल 1999 से 2008 के बीच पाकिस्तान में शासन करने वाले मुशर्रफ पहले सैन्य तानाशाह थे, जिन्हें संविधान पलटने का दोषी पाया गया था। मार्च 2016 से दुबई में रह रहे 74 वर्षीय मुशर्रफ इलाज के लिये पाकिस्तान से चले गए थे। तब से वह सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर वापस नहीं लौटे हैं।
सेठ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार रात को ट्वीट किया, पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ के निधन से दुखी हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले। आमीन। मेरी संवेदना और प्रार्थना उनके परिवार के साथ है। सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैदर ने भी कहा कि जस्टिस सेठ के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ है।
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