इस्लामाबाद: पाकिस्तान के एक मंत्री ने मदरसों को 'जहालत के विश्वविद्यालय' बताकर विवाद खड़ा कर दिया। इसके बाद देश के विभिन्न मदरसों ने मंत्री के बयान की निंदा करते हुए उन्हें हटाने की मांग की।
सूचना मंत्री परवेज रशीद ने हाल में कहा, 'ये जहालत के विश्वविद्यालय, जिन्हें हम दान और (जानवरों की) खाल देते हैं, समाज को घृणा और रूढ़िवादिता की विचारधारा दे रहे हैं।'
उनकी टिप्पणियों ने कट्टरपंथी संगठनों के बीच तूफान मचा दिया और कुछ मदरसों ने मंत्री को 'धर्मविरोधी' करार दिया। मदरसों से जुड़े लोगों ने सड़कों पर उतरकर मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।
रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में रशीद का बचाव किया और कहा कि उनकी टिप्पणियां उन स्कूलों को लेकर थीं, जो नफरत फैला रहे हैं और उग्रवाद में भी शामिल हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में 20 हजार से ज्यादा मदरसे हैं, लेकिन सिर्फ तीन से चार प्रतिशत मदरसे शरारती तत्वों की मदद करते हैं या आतंकवाद को सीधे तौर पर मदद देते हैं।
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